उज्जैन। नगर निगम द्वारा की जाने वाली बाजार वसूली के नाम पर रोज लाखों रुपए का खेल होता है और मिलीभगत से चोरी हो रही है। नए निगमायुक्त को बाजार वसूली बढ़ाने के लिए एक बार सर्वे कराना चाहिएञ। सालों से एक ही कुर्सी पर जमे अधिकारी और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच भी होना चाहिए। वसूली अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार शहर में करीब 300 गुमटियाँ हैं, जिसमें सांची और अन्य स्थाई गुमटियां शामिल हैं हाथ ठेले और हाट बाजार में फर्श पर दुकान लगाने वाले समेत लगभग 400 दुकानें लगती है इसमें शहर में हर दिन अलग-अलग क्षेत्रों में लगने वाला हाट बाजार भी शामिल है जिनसे न नगर निगम को रोज लगभग 50 से 51 हजार रुपए की वसूली होती है। वसूली अधिकारी नीता जैन ने बताया कि मुझे इस विभाग में आए हुए हैं अभी कुछ समय हुआ है और मेरे आने के बाद लगभग 10 से 15 हजार रुपए प्रतिदिन की बढ़ोतरी हुई है सूचना मिली है कि शहर में गुमटीयोंऔर हाथ ठेला आदि की संख्या ज्यादा है जिसका सर्वे करवाकर जांच की जाएगी।
शहर में लगभग 5000 गुमटियां हैं, प्रति गुमटी 15 चार्ज किया जाता है मतलब 75000, ठेलों की संख्या लगभग 3000 होगी 10 के मान से 30 हजार, फेरीवाले भी लगभग 1 से 2 हजार हैं, 5 रुपए के हिसाब से 10000 रोज प्राप्त होना चाहिए। ऐसे में नगर निगम को एक लाख से सवा लाख रुपए से ज्यादा रोज की आमदनी होना चाहिए, क्योंकि प्रतिदिन हाट बाजार का भी आयोजन होता है जिसमें 200 से 300 दुकानें लगती है वहीं शहर में मुख्यत: तीन सब्जी मार्केट जिसमें फर्श पर बैठकर दुकान लगाने वालों से भी वसूली की जाती है लेकिन नगर निगम को अभी 30 से 35000 की आमदनी कुछ दिनों पूर्व हो रही थी, जो अब वर्तमान में बढ़कर 50 से 51 हजार प्रतिदिन हो रही हैं,जबकि वास्तविक में 1 से सवा लाख के बीच होना चाहिए। ऐसे में बीच की बड़ी रकम में अमानत में खय़ानत को कर रहा है?
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