उज्जैन। जिले की 7 विधानसभा सीटों में जिन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है उन विधानसभा में सबसे अधिक लाड़ली बहनों को लाभ मिल रहा है। 7 विधानसभाओं में नागदा इन सब में अव्वल है।
पूरे उज्जैन जिले में 3 लाख 29 हजार 823 लाड़ली बहनों ने पंजीयन कराया था। इनमें से 4822 मामलों में आपत्ति आई थी, इसके बाद 252 आपत्तियों में महिलाएँ अपात्र पाई गई थी। कुल मिलाकर 3 लाख 29 हजार 571 महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा है। इनमें से सबसे अधिक लाभ नागदा-खाचरौद विधानसभा में इसमें 68065 महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया है, वहीं दूसरे नंबर पर महिदपुर विधानसभा जो कि भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में है यहाँ 51452 महिलाओं को इस योजना का लाभ मिला है। कुल मिलाकर यदि कांग्रेस के कब्जे वाली चार सीटों की लाड़ली बहनों की संख्या मिला दी जाए तो 1 लाख 84 हजार 990 महिलाओं को लाभ मिल रहा है, वहीं यदि उज्जैन उत्तर, दक्षिण और महिदपुर विधानसभा की संख्या जोड़ी जाए तो कुल मिलाकर 1 लाख 45 हजार महिलाओं को ही इस योजना का लाभ मिला है।
अब यदि विधानसभा चुनाव में इन विधानसभाओं की महिलाओं का वोट भाजपा के पक्ष में गिरा तो इन विधानसभाओं में स्थिति बदल सकती है। वैसे भी शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए बड़ी योजना शुरू की है और महिलाओं से वादा किया है कि अभी जो 1 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं, वह आने वाले समय में 3 हजार तक महिलाओं को दूंगा। इस योजना का कितना प्रभाव विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा, यह तो आने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम बताएँगे। शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहना योजना की टक्कर में कांग्रेस द्वारा नारी सम्मान योजना के फार्म भरे जा रहे हैं और उसमें 1500 रुपए प्रतिमाह और 500 रुपए में गैस की टंकी देने की बात की जा रही है। अब किसका वादा जनता को वोट देते समय याद रहेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। या फिर यह योजना राजनीतिक दलों के लिए सिर्फ चुनाव जीतने का हथकंडा मात्र रह जाएगी, क्योंकि हर महीने करोड़ों रुपए का भार इस योजना से सरकार पर पड़ेगा।
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