नईदिल्ली । देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat)और मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) की दोनों बेटियों कृतिका (Krutika) व तारिणी (Tarini) ने बरार स्कवायर (Barar Square) में अपने माता-पिता के अंतिम संस्कार (Funeral) की जिम्मेदारियां निभाईं (Carried out Responsibilities) । बड़ी बेटी ने मुखाग्नि दी (Eldest Daughter lit the fire) । दोनों बहनों ने अपनी मां के पार्थिव शरीर पर लाल रंग की साड़ी चढ़ाई । इस तरह की साड़ी सुहागन के रूप में मरने पर किसी दिवंगत महिला के शरीर पर चढ़ाई जाती है । देश के बहादुर जनरल को आखिरी विदाई के वक्त पूरा बरार स्कवायर भारत माता की जय और ‘जनरल रावत अमर रहें’ के नारों से गूंज रहा था ।
बरार स्कवायर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर को देश की बड़ी शख्सियतों की ओर से श्रद्धांजलि दी गई । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, जनरल वीके सिंह ने जनरल रावत को पुष्प चक्र अर्पित किया. देश की तीनों सेनाओं के मौजूदा चीफ के अलावा पूर्व चीफ, विभिन्न देशों के सैन्य अधिकारियों और राजदूतों ने पार्थिव शरीरों पर पुष्पचक्र अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी ।
भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए श्रीलंका, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश के सैन्य कमांडर भी बरार स्कवायर में मौजूद थे । इनमें श्रीलंका के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल शैवेंद्र सिल्वा, पूर्व सीडीएस एडमिरल रवींद्र चंद्रसिरी विजेगुनारत्ने (रिटायर्ड), भूटान की रॉयल आर्मी के डिप्टी चीफ ऑपरेशंस ब्रिगेडियर दोरजी रिनचेन, नेपाली सेना के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बाल कृष्ण कार्की और बांग्लादेश की सेना के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल वेकर-उज़-ज़मान शामिल हैं ।
फ्रांस ने भी जनरल रावत के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की । राजदूत ने कहा, ‘भारत में तैनात फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने कहा, जनरल रावत एक महान सैन्य, दृढ़ संकल्पित और फ्रांस के महान दोस्त थे । उन्हें वास्तव में प्यार से याद किया जाएगा ।’
CDS जनरल रावत समेत 13 सेनाधिकारियों के आकस्मिक निधन पर ब्रिटेन ने शोक व्यक्त किया है । भारत में तैनात ब्रिटेन के राजदूत एलेक्स एलिस ने कहा कि जनरल रावत जैसे एक महान नेता, एक सैनिक और एक अच्छे इंसान को खोना भारत के लिए बहुत दुखद है । राजदूत ने कहा कि जनरल रावत ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने रक्षा के क्षेत्र में यूके और भारत के बीच संबंधों को बेहतर बनाने में बड़ा योगदान दिया । दोनों देशों के लिए यह बड़ा नुकसान है ।
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