भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों और विदिशा जिले के बाढ़ प्रभावितों को राहत देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। हर बाढ़ पीडि़त को संकट से निकालने में सहायता देंगे। राहत राशि और अन्य सहायता का कार्य पूरी पारदर्शिता और संजीदगी के साथ होगा। पीडि़त जनता के लिए हम बेहतर सहारा बन सकें, इसके ईमानदार प्रयास किये जा रहे हैं। श्योपुर प्रवास के दौरान केंद्रीय मंत्री तोमर भी उनके साथ थे।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीडि़तों से कहा कि चिंता न करें आप सबको बाढ़ आपदा के संकट से पार निकालकर ले जाएंगे। प्रदेश सरकार (State Government) राहत देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। बाढ़ से हुए हर प्रकार के नुकसान की भरपाई करने की सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है। सरकार ने तत्काल सर्वे कराकर राहत पहुंचाने का काम किया है, जिसमें समाज का भी सहयोग मिला है। तात्कालिक तौर पर बाढ़ प्रभावित परिवारों को 6 हजार रूपए, 50 किलो अनाज और रोजमर्रा की जरूरतों का अन्य सामान मुहैया कराया गया है। साथ ही सर्वे के आधार पर आर्थिक राहत भी खातों में पहुँचाई गई है।
पंचायत भवनों पर चस्पा करें सूची
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर से कहा है कि सर्वे का काम पूरी पारदर्शिता एवं संजीदगी के साथ पूर्ण कराएँ। सर्वे सूची पंचायत भवन पर चस्पां कर दावे-आपत्तियाँ ली जाएं। साथ ही प्राप्त दावे-आपत्तियों का निराकरण विधिवत सुनवाई कर किया जाए, जिससे सभी संतुष्ट हो सकें।
तीन चरण में मिलेगी मदद
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बाढ़ आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिये तीन सूत्री रणनीति बनाई है। पहला काम हर बाढ़ प्रभावित परिवार के नुकसान की भरपाई करने के लिये राहत, दूसरा काम जिन लोगों के मकान बाढ़ में उजड़ गए हैं उनके फिर से नए मकान बनवाकर पुनर्वास और तीसरा काम बाढ़ से ध्वस्त हुई अधोसंरचना मसलन सड़क, विद्युत लाईन, पुल-पुलिया, अस्पताल, स्कूल और आंगनबाड़ी भवन इत्यादि बनवाना। उन्होंने कहा तात्कालिक राहत के साथ मकान बनाने के लिये एक लाख 20 हजार, दुधारू पशु की मृत्यु पर 30 हजार, बैल की मृत्यु पर 25 हजार, बकरा-बकरी इत्यादि की मृत्यु पर 3 हजार रूपए की आर्थिक राहत दी जा रही है। साथ ही फसल नुकसान की भरपाई भी सरकार आरबीसी के प्रावधानों के तहत करेगी।
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