नई दिल्ली: करवा चौथ (Karva Chauth) का व्रत शादीशुदा महिलाओं (Married Women) के लिए खास महत्व रखता है, जिसका महिलाओं को हर साल बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है. करवा चौथ के दिन चांद की पूजा सबसे खास मानी जाती है, क्योंकि बिना चांद की पूजा के ये व्रत अधूरा होता है. ऐसे में सारी महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रहती हैं और शाम में शुभ मुहूर्त में करवा चौथ की पूजा के बाद चांद निकलने का इंतजार करती हैं.
पूरे देशभर में महिलाएं आज यानी 20 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत रखा गया. ऐसे में हर महिला को बेसब्री से चांद निकलने का इंतजार था. अब ये इंतजार आखिरकार खत्म हुआ और सुहागिनों ने चांद को देखकर अपना व्रत खोला. चांद दिखने पर छलनी से चांद के दर्शन किए जाते हैं और इसके बाद फिर पति को छलनी से निहारा जाता है. फिर चांद को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथ से पानी पीकर व्रत पूरा किया जाता है. अयोध्या, हिमाचल प्रदेश गुवाहटी समेत कई जगहों पर करवा चौथ के पर्व पर चांद देख कर सुहागिन महिलाओं ने अपना व्रत पूरा किया.
असम में करवा चौथ के मौके पर महिलाओं ने चांद का दीदार करने के बाद अपना निर्जला व्रत पूरा किया. हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ के दिन चंद्रोदय शाम 7 बजकर 54 मिनट पर हुआ. दिल्ली में करवा चौथ का चांद 20 अक्टूबर 2024 की शाम 7 बजकर 55 मिनट पर दिखाई दिया. वहीं, नोएडा में करवा चौथ का चांद 20 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 55 मिनट के करीब देखा गया. इसके अलावा, गाजियाबाद में करवा चौथ का चांद 20 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 52 मिनट पर दिखा.
इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश में भी करवा चौथ के चांद का दीदार हुआ और सभी सुहागिनों ने चांद को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोला. अगर आपको अपने शहर में करवा चौथ का चांद न दिखाई दे तो पंचांग में बताए गए समय के मुताबिक चंद्रमा निकलने की दिशा की ओर पूजा कर लें और चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए. ऐसा करने से व्रत पूरा हो जाता है और कोई दोष भी नहीं लगता है.
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