नई दिल्ली (New Delhi)। भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) के प्रिय महीने सावन का शिव भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं. साल 2023 में सावन महीना विशेष रहने वाला है क्योंकि इस बार एक नहीं दो सावन महीने पड़ रहे हैं. सावन का महीना 30 नहीं बल्कि 59 दिनों का होगा और इस श्रावण मास में 8 सावन सोमवार (Sawan Somwar ) . दरअसल, नए विक्रम संवत 2080 में 12 की जगह 13 महीने पड़ रहे हैं. इस बार अधिकमास या मलमास पड़ रहा है. हिंदी पंचांग में हर तीसरे साल में एक महीना अधिक पड़ता है इसलिए इसे अधिकमास कहते हैं.
…इसलिए बढ़ जाता है एक महीना
वैदिक पंचांग में सूर्य और चंद्रमा (Sun and moon) के आधार पर गणनाएं की जाती हैं. चंद्रमास 354 दिन का और सौरमास 365 दिन का होता है. इस कारण हर साल 11 दिनों का अंतर आ जाता है जो 3 साल में 33 दिन हो जाते हैं. इन 33 दिन को एडजस्ट करने के लिए ही हर तीसरे साल में एक अधिकमास पड़ता है और इसे ही मलमास कहते हैं. इसे पुरुषोत्त्म मास भी कहा जाता है.
सावन 59 दिन का होने की वजह
साल 2023 में सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होगा और 31 अगस्त तक चलेगा. इस तरह इस बार सावन 59 दिनों का होगा. सावन महीने के दौरान 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहेगा. इस कारण सावन 2 महीने का हो रहा है, जिससे सावन सोमवार भी 8 रहेंगे. अधिकमास के कारण इस साल सावन के बाद के सारे पर्व-त्योहार भी सामान्य से कुछ दिन बाद पड़ेंगे. जैसे रक्षाबंधन 31 अगस्त को पड़ेगा, जबकि आमतौर पर यह 10 से 15 अगस्त के आसपास पड़ता है. इसके अलावा सावन महीना मणिकांचन योग में शुरू होगा, जिसे बेहद शुभ माना गया है. साथ ही सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ेगा. सावन के महीने के दौरान रोजाना शिवलिंग का जलाभिषेक करना शिव जी की अपार कृपा दिलाता है. ऐसे भक्त की भोलेनाथ सारी मनोकामना पूरी करते हैं.
5 महीने का होगा चातुर्मास
अधिकमास के कारण चातुर्मास पर भी प्रभाव पड़ेगा और चातुर्मास 4 महीने की बजाय 5 महीने का होगा. इस बार चातुर्मास 29 जून 2023 से शुरू होगा और 23 नवंबर तक रहेगा. यानी कि विवाह, गृहप्रवेश जैसे शुभ कार्यों के लिए लोगों को जून के बाद लंबा इंतजार करना पड़ेगा.
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