हिंदू धर्म में धार्मिक त्यौहारों का विशेष महत्व है । हिंदू पंचाग के अनुसार, आषाढ़ मास (ashadh month) के बाद सावन का महीना आता है। सावन में भगवान शिव की पूजा बहुत ही शुभ फलदायी और मंगलकारी होती है। सावन मास भोलेनाथ को समर्पित होता है। सोमवार का दिन भी भोलेनाथ का होता है। ऐसे में हिंदू धर्म में सावन मास और उसके सोमवार का महत्व और बढ़ जाता है।
सावन मास के सोमवार को भगवान शिव (Lord Shiva) का जलाभिषेक किया जाता है। मान्यता है कि सावन सोमवार को विधि-विधान पूर्वक पूजा (worship) करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। भक्त को चाहिए भगवान शिव की पूजा के समय कुछ चीजें अवश्य अर्पित करें और कुछ चीजें भूलकर भी न चढ़ाएं।
सावन मास में भगवान शंकर को अर्पित करें ये चीजें
भगवान शंकर को दूध बेहद प्रिय है। इसलिए उनकी पूजा में दूध का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। सावन के महीने में शिवलिंग पर दूध चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव को दूध चढ़ाने से शुभ फल प्राप्त होता है। सावन में दूध से रुद्राभिषेक भी किया जाता है। इससे भक्त की मनोकामना पूरी होती है।
सावन के महीने में देवों के देव महादेव को धतूरा, बेलपत्र, भांग, इत्र, चंदन, केसर, अक्षत, शक्कर, गंगाजल, शहद, दही, घी, गन्ने का रस और फूल आदि अर्पित करना बेहद शुभ होता है। इन चीजों को चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।
भगवान शंकर को ना चढ़ाएं ये चीजें
भगवान शिव को रोली या कुमकुम नहीं लगाना चाहिए। इससे भगवान शिव कुपित होते हैं।
महादेव को केवड़े और केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।
महादेव की पूजा में शंख वर्जित माना जाता है। इस लिए शिव भगवान की पूजा करते समय शंख नहीं अर्पित करना चाहिए।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, शिव जी की आराधना के समय नारियल या नारियल के पानी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा करते समय भूलकर भी तुलसी दल नहीं चढ़ाना चाहिए।
भगवान शिव की पूजा के दौरान हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए। इससे पूजा का फल नहीं मिलता है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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