भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि भारत त्यौहारों की संस्कृति वाला देश (India, festivals culture country) है। यहाँ हर एक त्यौहार मनाने के पीछे कोई न कोई मूल भावना होती है। इन त्यौहारों में परस्पर भाईचारा, प्रेम और रिश्तों को निभाने वाले संस्कार समाहित होते हैं। वर्ष के 12 महीनों में एक मास श्रावण (month shravan) ही ऐसा है, जिसका इंतजार सभी को रहता है। इस समय बादलों के घुमड़ने के साथ ही पेड़ों पर झूलों की बहारे नजर आने लगती है। ऐसे में रक्षाबंधन का त्यौहार आता है। आज मैं अपनी लाड़ली बहनों (Dear sisters) के बीच रक्षाबंधन का उत्सव मनाकर धन्य हो गया हूं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव श्रावण के पवित्र सोमवार को बालाघाट के इतवारी गंज जैविक कृषि मंडी में आयोजित लाड़ली बहनों के लिये समर्पित आभार सह उपहार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति यह सिखाती है कि जीवन में स्नेह का पहला हक माता-पिता का होता है। इनके बाद यह हक बहनों को मिला है जो अपने भाई से प्रेम करती है। मुझे एक अगस्त से प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर अपनी बहनों का अपार स्नेह प्राप्त हो रहा है।
उन्होंने कहा कि भारी बारिश के बीच जबलपुर से बालाघाट मार्ग में आते समय जिस उत्सुकता से बहनों ने मेरा इंतजार किया है। वह इसी स्नेह का प्रतीक है। मेरी बहनें रक्षाबंधन का त्यौहार धूमधाम से मना सके इसके लिये 10 अगस्त को लाड़ली बहना योजना के तहत 1250 रुपये और रक्षाबंधन के शगुन/उपहार रूप में पर 250 रुपये की राशि सिंगल क्लिक से बहनों के खाते में अंतरित की जायेगी। रक्षाबंधन पर जब बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर राखी बांधेगी तो उनका यह आशीर्वाद मुझे अपने आप ही मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी बहनें मिलने वाली राशि का सदुपयोग और प्रबंधन करना बखूबी जानती है। बालाघाट जिले की बहनों को 10 अगस्त को 08 करोड़ 92 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। हमारी सरकार द्वारा जून 2023 से अगस्त 2024 तक हर माह 3 लाख 56 हजार बहनों को 500 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना में अब गैस सिलेण्डर 450 रुपये में देने का कार्य भी सरकार कर रही है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में स्व सहायता समूहों, एमएसएमई के माध्यम से उद्योगो से जोड़ने की दिशा में सरकार ने पहल की है।
गेहूं की तरह धान के लिए भी मिलेगी बोनस की राशि
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बालाघाट जिले के चिन्नौर चावल को जीआई टैगिंग का दर्जा प्राप्त हुआ है। अब किसानों को गेहूं की तरह ही धान के लिए भी बोनस की राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही पशु पालकों की आर्थिक स्थिति एवं उनकी आमदनी को बेहतर बनाने के लिए बोनस दिया जाएगा। तेंदुपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन देने के लिए उन्हें मिलने वाली प्रति बोरा की राशि भी बढ़ाई जायेगी। पीएम जनमन योजना में विशेष पिछड़ी जनजातियों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए लगभग 7 हजार 300 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान बजट में किया गया है। जनजातीय समुदाय की बैगा बसाहटों में 19 सड़को के निर्माण कार्य भी प्रारंभ किये जाएंगे। साथ ही जल जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल योजना का भी लाभ दिलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के बालाघाट की धरती को प्रकृति का आशीर्वाद मिला है। यह जिला अपनी खनिज संपदा के लिए देश-विदेश में पहचाना जाता है। अपने गर्भ में मैंगनीज एवं तांबा जैसी बहुमूल्य धातु समाई हुई है। जिले में लगभग 80 प्रतिशत मैंगनीज के भंडार मौजूद है। अगली बार मलाजखंड जाकर यहां तांबा खनन के कार्य को देखूंगा।
मुख्यमंत्री करेंगे सिवनी में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बालाघाट आने पर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि सिवनी में शीघ्र ही नये मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12 मेडिकल कॉलेज पीपीपी मॉडल के अंतर्गत प्रारंभ किये जाएंगे। इसके अलावा सिवनी से बालाघाट सड़क मार्ग को फोर लेन बनाने के लिए सर्वे कार्य भी कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बहनों का मुंह मीठा किया, बहनों ने बांधी राखी
श्रावण के पवित्र सोमवार को बालाघाट की बहनों ने मुख्यमंत्री भाई डॉ. यादव की कलाई पर राखी बांधी। राखी बंधवाते हुए भाई मुख्यमंत्री पूरी तरह भाव विभोर हुए। उन्होंने बहनों के आगे अपने दोनों हाथ बढ़ाकर राखी बंधवाई और अपने हाथों से उपहार भी प्रदान किये। वहीं उन्होंने बहनों को अपने हाथों से मिठाई खिलाकर मुंह मीठा भी कराया। श्रावण का उत्सवी माहौल इतवारीगंज स्थित जैविक मंडी में आयोजित हुआ।
लखपति दीदियों ने भी सीएम भैया को बांधी राखी
बालाघाट की लखपति दीदियों ने भी बालाघाट में हुए कार्यक्रम में राखी बांधी तो सीएम भैय्या ने अपने हाथों से मुंह मीठा कराया। जन-प्रतिनिधि बहनों, जैन समाज, लखपति दीदियों का समूह, प्रस्फुटन समिति, सखी समूह और रोटरी क्लब की बहनों के साथ ही बैगा जनजाति की बहनों ने भी अपने हाथों से बनाई राखी बांधी।
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