भोपाल। प्रदेश में अब ‘भीड़’ पर तीसरी नजर की निगरानी रहेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार अब लोक सुरक्षा के मद्देनजर नया कानून बनाने जा रही है। इस कानून के तहत भीड़ वाली जगहों यानी माल, बैंक, स्कूल, कालेज, बाजार, सिनेमाघर आदि जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। इसके पीछे सरकार की मंशा यह है कि भीड़ में होने वाले आपराधिक और अनैतिक गतिविधियों पर नजर रखी जाए। इसके लिए ‘भीड़’ पर तीसरी नजर का पहरा बैठाया जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोक सुरक्षा के मद्देनजर नवंबर 2020 में कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान इस व्यवस्था को बनाने के निर्देश दिए थे। इसके मद्देनजर गृह विभाग ने अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का अध्ययन करा रहा है। तय किया गया है कि उन सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया जाएगा, जहां भीड़-भाड़ होती है। इसमें माल, स्कूल, कालेज, बैंक, सिनेमाघर, बाजार सहित अन्य स्थान शामिल रहेंगे। गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि इस संबंध में विधेयक तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। इस व्यवस्था से अपराध नियंत्रण और विवेचना में मदद मिलेगी।
बजट सत्र में पेश होगा विधेयक
जानकारी के अनुसार, शिवराज सरकार लोक सुरक्षा के मद्देनजर जो नया कानून बनाने जा रही है, इसके तहत माल, बैंक, स्कूल, कालेज, बाजार, सिनेमाघर आदि का सीसीटीवी कैमरे लगाना तो अनिवार्य हैं ही साथ ही इन्हें कम से कम दो माह तक डाटा सुरक्षित रखना होगा और कानून व्यवस्था की दृष्टि से जब भी इसकी मांग की जाएगी तो संस्थान इन्कार नहीं कर सकेंगे। सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाने पर दस से लेकर बीस हजार रुपए तक का जुर्माना जिला प्रशासन लगा सकेगा। अभी इस तरह का कोई बंधन नहीं है। इसके कारण पुलिस को अभी सीसीटीवी कैमरे का डाटा प्राप्त करने के लिए काफी प्रयास करने पड़ते हैं। इस संबंध में गृह विभाग विधानसभा के फरवरी-मार्च में प्रस्तावित बजट सत्र में विधेयक प्रस्तुत करेगा।
बड़े शहरों में लागू की जाएगी व्यवस्था
गृह विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी यह व्यवस्था भोपाल, इंदौर सहित सिर्फ बड़े शहरों में लागू होगी। इसमें ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन शामिल रहेंगे। इस व्यवस्था के विस्तार पर बाद में विचार किया जाएगा। सीसीटीवी कैमरे लगाने और उसका डाटा सुरक्षित रखने संबंधी कानून अभी देश में सिर्फ तेलंगाना में है। मध्य प्रदेश इसे बनाने वाला दूसरा राज्य होगा। गृह विभाग द्वारा तेलंगाना के प्रविधान का पुलिस मुख्यालय और विधि विभाग के अधिकारियों से अध्ययन करवाया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव गृह डा.राजेश राजोरा का कहना है कि लोक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अधिनियम बनाने को लेकर उच्च स्तर पर विचार किया जा रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved