नई दिल्ली: रूस की बमबारी के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों (Indian Students Stranded in Ukraine) को निकालने के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) अभी जारी है. इसी बीच भारत सरकार (MEA) ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में फंसे छात्रों से फिलहाल सावधानी बरतने और बम शेल्टरों में बने रहने की सलाह दी है.
‘हंगरी ने भारत को दिया नया हवाई अड्डा’
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने ट्वीट कर कहा कि रोमानिया और मोल्दोवा से पिछले 7 दिनों में 6222 भारतीयों को निकाल लिया गया है. भारत सरकार के अनुरोध पर हंगरी ने अब यूक्रेन सीमा से 50 किलोमीटर दूर सुसेवा में एक नया हवाई अड्डा उपलब्ध करवा दिया है. इस हवाई अड्डे के जरिए भारतीय जहाजों को ऑपरेट कर यूक्रेन में फंसे छात्रों और दूसरे नागरिकों को निकाला जा रहा है. इससे पहले यूक्रेन सीमा से 500 किमी दूर बुखारेस्ट के एयरपोर्ट के जरिए ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा था.
युद्ध विराम के लिए डाला जोरदार दबाव- MEA
वहीं विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने प्रेसवार्ता में कहा, ‘हम यूक्रेन के सूमी शहर में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर बहुत चिंतित हैं. हमने विभिन्न चैनलों के जरिए रूसी और यूक्रेनी सरकार पर युद्ध विराम करने के लिए जोरदार दबाव डाला है. जिससे यूक्रेन में सेफ कॉरिडोर बनाकर भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी करवाई जा सके.’
‘बम शेल्टरों में सेफ रहें भारतीय छात्र’
उन्होंने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों को सलाह दी की कि जब तक उन्हें जोखिम वाले इलाकों से निकाल नहीं लिया जाता है, तब तक वे सुरक्षा सावधानी बरतें. गोलाबारी से बचने के लिए बम शेल्टरों में शरण लिए रहें और अनावश्यक जोखिम लेने से बचें. इस संबंध में मंत्रालय और हमारे दूतावास छात्रों के नियमित संपर्क में हैं.
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