आगर-मालवा। कोरोना काल के बाद से अब ठेलेवालों व फेरीवालों ने लोगों तक अपनी आवाज पहुंचाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। अब यह लोग ठेले, गाड़ी पर माइक व स्पीकर लगाकर घूमते हैं। सुबह से शोर शुरू हो जाता है जिसके कारण लोगों की नींद खराब हो रही है। जागरुक नागरिकों ने प्रशासन से इनकी कई बार शिकायतें भी की लेकिन ध्वनि प्रदूषण करने वाले इन छोटे स्पीकरों पर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर भी इसका विरोध चल रहा है। पहले के समय में सब्जी, फल वाले व अन्य लोग अपना व्यापार करने के लिए गली-गली घूमकर आवाज लगाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है।
अब इन लोगों ने साउंड सिस्टम का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। सब्जी-फल, कटलरी, नल-फिटिंग, वेल्डिंग, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सुधार का काम करने वाले सब लोग अब साउंड सिस्टम पर आधारित हो गया है। सब्जी-फेरीवाले पहले तो खुद की आवाज में रिकॉर्डिंग कर लेते हैं और फिर व्यापार करने के लिए कॉलोनी में घूमते ही तेज आवाज में सिस्टम चालू कर देते हैं। सुबह 6-7 बजे से लेकर देर रात तक इन लोगोंं की आवाज आती है जिससे रहवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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