ब्रसीलिया। ब्राजील की एक अदालत ने एक दंपती को अपने नवजात का नाम मिस्र के राजा के नाम पर रखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। कैटरीना और डैनिलो अपने बच्चे का नाम पिये-ए रखना चाहते थे। पिये एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे, जिन्होंने 30 वर्षों तक मिस्र पर शासन किया। अदालत ने चिंता व्यक्त करते हुए इस मामले में हस्तक्षेप किया। कोर्ट का कहना है कि इस नाम के साथ बच्चे को निशाना बनाया जा सकता है।
डैनिलो ने कहा, “जिस शब्द का जिक्र किया गया, उसका मतलब काला शासक (फेरो) है। हमने जब इस पर रिसर्च किया तो हमें पिये की कहानी मिली। वह एक नुबियन योद्धा था, जिसने मिस्र में लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की। वह मिस्र का पहला काला शासक बना।” उन्होंने आगे बताया कि अपने अफ्रीकी वंशज के साथ संबंध बनाए रखने के लिए अपने बेटे का नाम पिये के नाम पर रखने का निर्णय लिया था। डैनिलो ने कहा, “अफ्रीकी नामों को वापस लाने का उद्देश्य काले लोगों के इतिहास को एक नई कहानी देना है। उन्होंने आगे कहा, “हमें अपने बच्चों को इस स्संकृति के साथ और इस तरीके से शिक्षा देने का अधिकार है कि उनके नाम पर उनका प्रतिनिधित्व हो।”
अदालत ने कहा, “फेरो के नाम का उच्चारण पुर्तगाली शब्द प्लाई से काफी मिलता जुलता है, जो एक बैले डांस स्टेप है। इसलिए इस नाम को रखने में आपत्ति जताई गई है।” उनका कहना है, “हम जानते हैं कि खतरे का मुकाबला इसे प्रतिबंधित करके नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि समाज की अज्ञानता पर काम करके इस खतरे का मुकाबला किया जा सकता है।”
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