उज्जैन। नानाखेड़ा स्थित राजमाता सिंधिया स्टेडियम के लिए करीब 8 हेक्टेयर जमीन आरक्षित है। परंतु इसमें से पौने दो हेक्टेयर से ज्यादा जमीन के मामले हाईकोर्ट तक विचाराधीन हैं। इधर यहाँ सालों पहले क्रिकेट स्टेडियम का भूमिपूजन हुआ था और अब एथलीट्स के लिए सिंथेटिक्स ट्रेक बनाने की योजना है। जमीन विवाद सुलझने तक इन योजनाओं को मूर्तरूप देना आसान नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि नानाखेड़ा स्थित स्व.राजमाता सिंधिया स्टेडियम के निर्माण की सालों पहले विकास प्राधिकरण ने योजना तैयार की थी। उस दौरान यहाँ क्रिकेट स्टेडियम निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया गया था लेकिन लंबे समय तक स्टेडियम निर्माण नहीं होने के चलते स्टेडियम के लिए आरक्षित करीब 8 हेक्टेयर जमीन में से सामने वाले हिस्से की जमीन को लेकर मामले उलझ गए थे। विकास प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार उस दौरान नानाखेड़ा स्टेडियम की 8 हेक्टेयर जमीन में से 1.827 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जे के चलते मामले में प्राधिकरण की ओर से वाद दायर किए गए थे। कब्जे वाली जमीन पर स्टेडियम के इंडोर, आउटडोर निर्माण के साथ-साथ ओपन पार्क, बोर्डिंग बिल्डिंग, रेस्टोरेंट और दुकानों आदि की सुविधा दी जानी थी। उक्त भूमि के मामले उलझने के बाद फिलहाल नानाखेड़ा स्टेडियम में 8 हेक्टेयर में से 6.12 हेक्टेयर जमीन ही बगैर विवाद की रह गई है। इधर कुछ दिन पहले इसी स्टेडियम में सात करोड़ रुपये की लागत से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के सर्व-सुविधायुक्त सिंथेटिक ट्रेक एथलीट्स के लिये निर्मित किये जाने के लिए भूमिपूजन का बड़ा आयोजन रखा गया था। इससे पहले तीन दिन तक कई कार्यक्रम भी हुए थे लेकिन तीन अगस्त को भूमिपूजन का कार्यक्रम खेल मंत्री की व्यस्तता के चलते टाल दिया गया था। नए प्रोजेक्ट में सर्वसुविधायुक्त सिंथेटिक ट्रेक 20 बीघा अर्थात करीब साढ़े 6 हेक्टेयर में बनना है। ऐसे में स्टेडियम की विवादों में उलझी जमीन के मामले सुलझने तक यह संभव होना मुश्किल नजर आ रहा है।
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