इंदौर। हाउस अरेस्ट कर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह लगातार शहर में लोगों को निशाना बना रहे हैं। बताते हैं कि गिरोह के सरगना कंबोडिया और दुबई में बैठकर ऑपरेट कर रहे हैं। ठगी के लिए सैकड़ों भारतीयों के बैंक खाते किराए पर ले रखे हैं। एक माह में क्राइम ब्रांच इंदौर के सामने तीन ऐसे मामले आए। एक डॉक्टर दंपति को पार्सल में ड्रग्स होने का झांसा देकर डिजिटल अरेस्ट कर आठ लाख की ठगी की गई। एक मेडिकल छात्र से भी पार्सल में ड्रग्स होने और मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर पांच लाख और एक इंजीनियरिंग छात्र के साथ 10 लाख की ठगी का मामला पहुंचा था।
इसके अलावा एक दर्जन से अधिक मामले क्राइम ब्रांच के पास एक माह में पहुंचे हैं। कुछ में जिनके बच्चे इंदौर और कोटा शहर में पढ़ रहे हैं, उनको बच्चों के किसी केस में उलझने या फिर ड्रग्स का पार्सल होने के नाम पर ठगा गया। ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे ही कुछ मामले साइबर सेल के पास भी पहुंचे हैं। साइबर सेल एसपी जितेंद्रसिंह का कहना है कि ये गैग कंबोडिया और दुबई से ऑपरेट हो रही है। ये अलग-अलग नंबर से पुलिस या कस्टम अधिकारी बनकर लोगों को डराकर ब्लैकमेल करते हैं और डिजिटल अरेस्ट कर खातों में पैसा डलवा लेते हैं। जांच में पता चला है कि इन लोगों ने भारत में कई खाते किराए पर ले रखे हैं, जिनमें ये पैसा डलवाते हैं। ये खाते कई बार पुलिस फ्रीज करवाने में सफल रहती है, लेकिन प्रमुख सरगना हाथ नहीं आते हैं, क्योंकि वे विदेश में बैठे हैं। पुलिस कई खाताधारकों को पकड़ चुकी है, लेकिन वे छोटे-मोटे लोग होते हैं, जो कुछ पैसे के लालच में खाता किराए पर दे देते हैं।
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