उज्जैन। चार दिन पहले इंदौर रोड के गैस गोडाऊन से एलपीजी गैस से भरे 223 सिलेंडर चोरी हुए थे। इस वारदात को अंजाम गैस एजेंसी पर 20 साल से काम रहे मैनेजर और चौकीदार ने दो मजदूरों के साथ मिलकर दिया था और चुराए सिलेंडर चंद्रावतीगंज के समीप गांव में छिपाया था जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया है। दोपहर में पूरे मामले का खुलासा कर दिया गया।
इंदौर रोड फोरलेन पर तपोभूमि के समीप शक्ति गैस एजेंसी के गोडाऊन से चार दिन पहले रात में अज्ञात लोगों ने ताले तोड़ कर 223 एलपीजी गैस सिलेंडर चुरा लिए थे। सुबह चौकीदार प्रकाश मालवीय निवासी मेंडिया ने गोडाऊन पहुँचकर एजेंसी मालिक परमानंदसिंह निवासी वेदनगर को सूचना दी। संचालक की सूचना पर नानाखेड़ा पुलिस मौके पर आ गई थी और जाँच शुरू कर दी। पुलिस ने बताया कि चौकीदार प्रकाश से पूछताछ में उसने कुछ नहीं कबूला फिर पुलिस ने एजेंसी के मैनेजर जितेन्द्र चौधरी निवासी सांवेर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने पहले बहानेबाजी की और फिर पुलिस के सामने टूट गया और उसने सिलेंडर चोरी की पूरी वारदात कबूल कर ली। जितेन्द्र ने बताया कि उसने थोड़े दिनों पहले सिलेंडरों में हेराफेरी की थी और वह मामला न पकड़ा जाए, इससे बचने के लिए उसने गोडाऊन के चौकीदार प्रकाश मालवीय और वहाँ काम करने वाले दो मजदूर ईश्वर निवासी निनौरा और नरेन्द्र निवासी सांईबाग को अपने साथ मिला लिया तथा घटना की रात गोडाऊन से 223 सिलेंडर चुरा लिए। सभी सिलेंडरों को 407 वाहन में भरकर चंद्रावतीगंज के समीप कंथालिया गाँव में छिपा दिया था। इस सूचना के बाद पुलिस ने चौकीदार प्रकाश और दोनों मजदूरों को भी गिरफ्तार कर लिया और उनके बताए अनुसार ग्राम कंथालिया से चोरी कर छिपाए गए सिलेंडर और वाहन जब्त कर लिया है। एजेंसी मालिक परमानंदसिंह चौहान ने बताया कि जितेन्द्र उनकी शक्ति गैस एजेंसी पर 20 सालों से मैनजर की नौकरी कर रहा था और उन्हें नहीं पता था कि वह सिलेंडरों में हेराफेरी कर रहा था। उन्हें उस पर जरा भी शंका नहीं थी। पुलिस ने चारों आरोपियों की चोरी की वारदात में गिरफ्तारी ले ली है और दोपहर में पत्रकार वार्ता लेकर मामले का खुलासा कर दिया। चोरी हुए सिलेंडरों की कीमत 5 लाख से अधिक बताई जा रही है जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
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