- मेले में टॉयलेट ना होने से जनता हो रही हैं परेशान-मेले के द्वार के किनारे को ही लोगों ने बनाया पेशाब घर
उज्जैन। हस्तशिल्प मेले में ठीक ढंग से टायलेट की व्यवस्था नहीं होने से लोग परेशान हो रहे हैं। खासकर महिलाओं को काफी दिक्कतें आ रही है। हस्तशिल्प मेले में 2 दिन पूर्व मेले के स्वागत द्वार पर कालिदास अकादमी के अंदर चलित शौचालय खड़ा कर दिया था जिसके चलते मेले के प्रवेश द्वार पर गंदगी और बदबू से लोगों का स्वागत हो रहा था जिसे बाद में हटा दिया गया और अब यह हालात है कि मेले में शौचालय की सुविधा नहीं है जिसके चलते मेले के द्वार के आसपास के क्षेत्र को ही लोगों ने शौचालय बना दिया है जिसके चलते मेले के मुख्य द्वार का क्षेत्र गंदगी बदबू से सराबोर हो चुका है। मेले में इन सब हालातों को देखने के बावजूद नगर निगम के अधिकारी एवं कर्मचारी आंखें बंद किए हुए हैं और लोगों द्वारा शिकायत की जाने के बावजूद इनके कानों पर जूं नहीं रेंग रही है।
नगर निगम के शौचालय के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी एवं शिकायत के लिए संपर्क किया लेकिन निगम के अधिकारियों ने फोन रिसीव नहीं किए। बहरहाल कोरोना का दौर अभी थमा नहीं है और इसके चलते साफ सफाई एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है लेकिन नगर निगम द्वारा मेलों में जहां हजारों की संख्या में लोगों का रोज आना जाना है। वहां समुचित शौचालय की व्यवस्था का ना होना नगर निगम के अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली को प्रदर्शित करता है और इसी का परिणाम है कि मेलों में आने वाली जनता शौचालय ना होने की वजह से मेले के आसपास के क्षेत्र में गंदगी फैला रहे हैं और जिसकी वजह से पूरा मेला क्षेत्र इस गंदगी से प्रभावित हो रहा है। महिलाओं एवं बच्चों को शौचालय ना होने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली को देखते हुए ऐसा लगता है कि अब मेले के बचे हुए दो-तीन दिन कुछ इस तरह ही बदइंतजामी के दौर से ही गुजर जाएंगे और मेला समाप्त हो जाएगा हस्तशिल्प मेला 12 दिसंबर तक ही रहेगा।