दिवंगत अभिनेता शशि कपूर (Shashi Kapoor) अब बेशक हमारे बीच नहीं है,लेकिन एक दौर ऐसा था जब हर कोई शशि कपूर (Shashi Kapoor) की खूबसूरती और अदायगी का दीवाना था। शशि कपूर (Shashi Kapoor) 80 के दशक में सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में शुमार थे। 18 मार्च 1938 को पृथ्वीराज कपूर के घर जन्मे शशि कपूर (Shashi Kapoor) उस दौर में युवा दिलों की धड़कन हुआ करते थे । शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज पृथ्वीराज कपूर था। शशि कपूर ने बतौर बाल कलाकार फिल्म जगत में कदम रखा था । आग और आवारा में उन्होंने राजकपूर के बचपन की भूमिका निभाई थी।
इसके बाद शशि अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ थियेटर से जुड़ गए। इस दौरान शशि का जुड़ाव भारत और पूर्वी एशिया की यात्रा पर आई बर्तानवी नाटक मंडली ‘शेक्सपिएराना’ से हुआ। जहां उनकी मुलाकात मंडली के संचालक की बेटी जेनिफर केडिल से हुई। शशि कपूर उनसे प्यार कर बैठे और साल 1958 में शशि ने जेनिफर से शादी कर ली। जेनिफर से शादी के बाद शशि कपूर की किस्मत ने करवट ली और उन्हें साल 1961 में रिलीज हुई यश चोपड़ा की फिल्म धरमपुत्र में बतौर अभिनेता अभिनय करने का मौका मिला। बतौर अभिनेता यह शशि कपूर की पहली फिल्म थी। इस फिल्म में शशि के अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद किया और उन्हें एक के बाद एक कई फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। शशि कपूर ने अपने फिल्मी करियर में जब-जब फूल खिले, कन्यादान, प्यार का मौसम, एक श्रीमान एक श्रीमती, हसीना मान जाएगी, आ गले लग जा, फकीरा, फांसी, चोर मचाए शोर, मुक्ति, सत्यम शिवम सुंदरम, हीरालाल पन्नालाल, जुनून, स्वयंवर और शर्मीली जैसी हिट फिल्में दी।
शशि कपूर को फिल्मों में उनके सराहनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने साल 2011 में उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार से नवाज़ा।वहीं साल 2015 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
4 दिसंबर,2017 को शशि कपूर का निधन हो गया। शशि कपूर अब इस दुनिया में नहीं हैे, लेकिन आज भी उनके अभिनय की सराहना हर कोई करता है।
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