बस इतनी सी बात पर हमारा तार्रुफ़ तमाम होता है,
हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है।
यूं तो अखबारों में कई प्रयोग होते हैं। उनमें दिखलोट लेआउट, सटीक कंटेंट और अनूठी और दिलचस्प खबरों की पेशकश से अमूमन अखबारों के क़ारी (पाठक) दो चार होते रहते हैं। अभी दो रोज़ पेले पत्रिका के दुर्ग-भिलाई एडिशन में भोत जानदार तजर्बा किया गया। 23 फरवरी को छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहर दुर्ग से भिलाई होते हुए रायपुर जा रहे नेशनल हाइवे नंबर 53 पे तैयार हुए दो किमी से भी ज़्यादा लंबे फ्लाईओवर की तस्वीर पूरे 16 कालम में छापी गई। मालूम हो कि अखबार के एक पेज में 8 कालम होते हैं। ज़ाहिर है 16 कालम की जपाट तस्वीर को शाया करने के लिए दो पेज का टॉप प्लेस चाहिए था। पूरे शहर को पार करते हुए मुंबई-हावड़ा रुट पे ये फ्लाईओवर तकऱीबन 100 करोड़ की लागत से बना है। दोनो तरफ़ आबादी के बीच से निकले छत्तीसगढ़ के इस सबसे लंबे ब्रिज को कायदे से दिखाने के लिए पत्रिका दुर्ग-भिलाई के नोजवान और कल्पनाशील रेजिड़ेंट एडिटर देवेंद्र गोस्वामी साब ने ये फैसला किया के दुर्ग के सुपेला ब्रिज के नाम से मशहूर इस 2 किमी से भी लंबे (2100 मीटर) इस पुल की तस्वीर को 16 कालम में शाया करेंगे।
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