इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में बीते सत्र की अंतिम परीक्षाओं का दौर आज से शुरू हुआ, जो तकरीबन 2 महीने तक जारी रहेगा, जिसमे पीजी के तकरीबन 20 हजार तो नवीन शिक्षा नीति के तहत यूजी फस्र्ट ईयर की परीक्षा में 80000 छात्र शामिल होंगे। आज से एमकॉम, एमएचएससी सेकंड ईयर की परीक्षा शुरू हो गई है।
यूनिवर्सिटी में लंबी जद्दोजहद के बाद यूजी फस्र्ट ईयर की परीक्षा 21 जून से शुरू हो रही है, जिसमें तकरीबन 80000 से ज्यादा छात्र शामिल होंगे। चुनाव के दौरान परीक्षा नहीं लेने का निर्णय भी लिया गया है, जिसे टाइम टेबल में शामिल कर लिया है। 3 महीने की देरी से हो रही इस परीक्षा का अंतिम सबसे लंबा दौर रहेगा। अंतिम पेपर 20 अगस्त को पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही पीजी एमकॉम और एमएचएससी की परीक्षा आज से शुरू हो गई है। एमए व पीजी के अन्य विषयों की परीक्षा 20 जून से शुरू हो जाएंगी, जो जुलाई के दूसरे सप्ताह तक जारी रहेगी। कुल मिलाकर अगले 2 महीने यूनिवर्सिटी में परीक्षा के नाम समर्पित रहेंगे। हालांकि 1 जुलाई से शिक्षण सत्र शुरू करने का दावा भी किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल जो परिस्थितियां हैं, उसमें कॉलेज में पढऩे वाले पुराने छात्रों की कक्षाएं जुलाई में शुरू हो पाएंगी। नए छात्रों के प्रवेश और काउंसलिंग में देरी होने के कारण नया शिक्षण सत्र भी प्रभावित होगा।
200 परीक्षा केंद्र
यूजी और पीजी की परीक्षा के अंतिम दौर को चाक-चौबंद रखने के लिए तकरीबन 200 परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं, नकल रोकने के लिए उडऩदस्तों को भी तैनात किया जा रहा है । छात्रों को परीक्षा केंद्र के बाहर अनावश्यक प्रतिबंधित सामग्री ले जाने के लिए जागरूक भी किया जाएगा।
समय पर रिजल्ट देना चुनौती
मार्च में होने वाली यूजी फस्र्ट ईयर की परीक्षा जून के तीसरे सप्ताह में शुरू हो रही है, जो अगस्त के तीसरे सप्ताह तक चलेगी। इसके कारण छात्रों का परिणाम भी देरी से आएगा। यूनिवर्सिटी के सामने परीक्षा के साथ-साथ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करना तो होगा, साथ ही समय पर परीक्षा परिणाम देने की चुनौती भी रहेगी। यूनिवर्सिटी की ओर से दावा किया जा रहा है कि 30 जून तक पिछली सभी परीक्षाओं के परिणाम जारी कर दिए जाएंगे।
2200 छात्रों की परीक्षा पर असमंजस…!
एमए अंग्रेजी के 2200 छात्रों की परीक्षा पर अभी असमंजस चल रहा है। दरअसल कॉलेजों में इन छात्रों को पुराने सिलेबस से पढ़ाई करा दी गई थी और अंतिम समय में नया सिलेबस सामने आया था। छात्रों ने जब परीक्षा में नए सिलेबस का विरोध किया तो यूनिवर्सिटी ने इन छात्रों की परीक्षा होल्ड पर रख दी है, जल्द ही इस बारे में यूनिवर्सिटी प्रबंधन बैठक करने वाला है, उसके बाद परीक्षा का निर्णय लिया जाएगा। प्रबंधन के जानकारों की माने तो समस्या से निपटने के लिए नए और पुराने दोनों सिलेबस से अलग-अलग परीक्षा कराने पर भी विचार चल रहा है।
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