उज्जैन। स्थानीय कांग्रेस में इन दिनों सिर फुटव्वल चल रही है और यह राहुल गाँधी की भारत जोड़ा यात्रा में भी दिखाई दे रही है। आपसी गुटबाजी के कारण तैयारियाँ भी प्रभावित हो रही है। वर्षोंे तक पदों पर कब्जा जमाए नेताओं को नए युवाओं की नियुक्तियाँ रास नहीं आ रही है। जैसे-जैसे राहुल गांधी की यात्रा की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे कांग्रेस ने अपनी तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी हैं। बाकी जवाबदारी तो बांट दी गई है, लेकिन राहुल गांधी से कौन मिलेगा और कौन नहीं इसको लेकर कांग्रेस में अंदर ही अंदर नाम जुड़वाने की जद्दोजहद चल रही है। कांग्रेस के नेता भोपाल और दिल्ली में उनसे मुलाकात करने वालों की सूची में अपना नाम जुड़वाने में लगे हुए हैं। हालांकि यह सूची भोपाल से ही फाइनल होगी। राहुल गांधी उज्जैन में दो दिन रुकेंगे और घोंसला तथा निनौरा में ठहरेंगे। 8 नवंबर के आसपास आएंगे। उनकी यात्रा 12 जिलों से होकर गुजरेगी। 12 जिलों में यात्रा के प्रभारी बना दिए गए हैं तो दूसरी व्यवस्थाओं के लिए भी प्रभारियों की नियुक्ति प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा कर दी गई है। उज्जैन सेंटर प्वाइंट रहेगा। यहां राहुल गांधी महाकालेश्वर मंदिर में पूजन करेंगे।
हालांकि अभी रूट फाइनल नहीं किया गया है। आज कमलनाथ इंदौर आ रहे हैं, इसके बाद रूट फाइनल हो जाएगा। इस बीच राहुल गांधी से मिलने के लिए कांग्रेस नेताओं में होड़ मच गई है, लेकिन दिल्ली से स्पष्ट कर दिया गया है कि नेताओं को भीड़ के रूप में नहीं मिलाया जाएगा। उन्हें चलती यात्रा में एक-एक कर मिलाया जाएगा। सूची में नाम जुड़वाने के लिए 12 जिलों के ही नेता भोपाल और दिल्ली में अपने आकाओं से संपर्क में लगे हैं और कैसे भी हो राहुल गांधी की चलती यात्रा में अपना नाम जुड़वाना चाहते हैं। यह सूची प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल फाइनल करेंगे। अग्रवाल भी प्रदेश में डेरा डाले हुए हैं और सभी जिलों में जाकर यात्रा की तैयारियां देख रहे हैं। इंदौर में चूंकि बड़े नेता रहेंगे, इसलिए छोटे नेताओं की दाल गलना मुश्किल है। इसलिए तय किया जा रहा है कि अलग से बूथ, सेक्टर और मंडलम स्तर के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन रख दिया जाए, जिसे राहुल गांधी संबोधित करें।
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