काबुल: मौजूदा साल, 2024 में दुनिया (world’s) के सबसे खतरनाक (most dangerous) देशों (countries) की सूची में सूडान और माली का नाम है तो युद्ध में उलझे रूस और यूक्रेन भी इसमें शामिल है। ग्लोबल पीस इंडेक्स (GPI) ने दुनिया के सबसे खराब हालात वाले देशों की रिपोर्ट जारी की है। इसे राष्ट्रों की सुरक्षा, गंभीर संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता और मानवीय संकट के आधार पर तैयार तिया गया है। जीपीआई हर साल 23 संकेतकों (इंडिकेटर) पर 163 देशों का मूल्यांकन करता है। इसमें आंतरिक संघर्ष, सामाजिक सुरक्षा और सैन्यीकरण के स्तर शामिल हैं, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा का व्यापक मूल्यांकन प्रदान करता है। मूल्यांकन के बाद इस साल की सबसे खतरनाक देशों की सूची दी गई है।
अफगानिस्तान भी लगातार खराब हालात में
अफगानिस्तान इस साल भी जीपीआई स्कोर 3.294 के साथ दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। आतंकवाद, अपहरण और व्यापक हिंसा ने अफगानिस्तान को अंतरराष्ट्रीय चिंता का केंद्र बिंदु बना दिया है। इस लिस्ट में पांचवां नाम यूक्रेन का है। फरवरी 2022 में रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से यूक्रेन की सुरक्षा और स्थिरता में भारी गिरावट आई है। महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विनाश ने देश में बड़ा मानवीय संकट पैदा कर दिया है। रूस भी इस युद्ध का बुरा प्रभाव झेल रहा है और खतरनाक देशों की लिस्ट में आ गया है। 2024 में रूस का जीपीआई स्कोर 3.249 दिखाता है कि कैसे ये देश भी रहने के लिए अच्छी जगह नहीं बचा है।
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) अफ्रीकी इतिहास के सबसे घातक संघर्ष से जूझ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बचाव समिति के अनुसार, साढ़े चार साल से अधिक समय से चल रही हिंसा में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी भी अन्य संघर्ष की तुलना में अधिक जानें गई हैं। इससे ये देश एक खतरनाक जगह बन गई है। खतरनाक देशों की लिस्ट में एक और नाम सीरिया का है। साल 2011 में गृह युद्ध की शुरुआत के बाद से सीरिया दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक बना हुआ है। देश में लगातार चल रहे संघर्ष से इमारतें, सड़कें, अस्पताल और स्कूल खंडहर हो गए हैं और मानवीय स्थिति गंभीर है। देश में करोड़ों की संख्या में लोग पेट भर खाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
खतरनाक देशों की लिस्ट में माली का भी नाम है। माली में 2012 से सशस्त्र संघर्ष चल रहा है, जब तुआरेग विद्रोहियों ने उत्तरी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और फिर अप्रैल में आजाद देश की घोषणा कर दी। मार्च 2012 में सैन्य तख्तापलट के बाद से क्षेत्र में उथल-पुथल बनी हुई है। इसने माली को सबसे खतरनाक देशों में से एक बना दिया है।
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