30 अगस्त तक नक्शों मेें सुधार नहीं करने वाले तहसीलदारों पर गिरेगी गाज
इन्दौर। मुख्यमंत्री (CM) के निर्देश पर इन्दौर (Indore) सहित पूरे प्रदेश में राजस्व प्रकरणों (Revenue Cases) के निराकरण के लिए महाभियान शुरू किया गया है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए (Divisional Commissioner) संभागायुक्त दीपक सिंह ने कल सभी जिला कलेक्टरों और नायब तहसीलादरों की बैठक ली, जिसमें निर्देश दिए कि डायवर्शन टैक्स (diversion tax) की वसूली सम्प्त्ति कर की तरह की जाए। इसी तरह छोटे प्लाट धारकों से भी टैक्स वसूली तो ही साथ ही बड़े बकायादारों की सूची सार्वजनिक की जाए। इंदौर जिले को जल्द ही 200 पटवारी (200 Patwaris) मिल जाएंगे, क्योंकि लगभग एक हजार अधिकारियों की नियुक्ति इन्दौर संभाग में की जाना है और उनका प्रशिक्षण इस तरह महीना पूरा जाए।
अभी 18 जुलाई से राजस्व महाभियान 3.0 शुरू हुआ है, जिसमें बंटवारा, नामांतरण, सीमांकन सहित तमाम राजस्व प्रकरणों का निर्धारण समय सीमा में करना पड़ेगा और इसमें लापरवाही और लेटलतीफी पाए जाने पर संबंधित राजस्व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए प्रदेशभर के कलेक्टरों को निर्देश दिए थे कि वे पूरी गंभीरता से इस महाभियान का क्रियान्वयन अपने अपने जिलों में करवाए, जिसके मद्देनजर संभागायुक्त ने कल समीक्षा बैठक ली, जिसमें राजस्व प्रकरणों के निराकरण की तहसीलवार समीक्षा की गई। यह भी कहा कि शासन ने प्रकरणों के निराकरण के लिए जो समय सीमा तय की है, उसका तत्परता से पालन किया जाए। जिलेवार लक्ष्य भी संभागायुक्त ने निर्धारित और सभी एसडीएम तथा तहसीलदारों को कहा कि अगले डेढ़ माह में अधिकांश लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण कर दिया जाए। एक महीने से अधिक का कोई भी सीमांकन प्रकरण और 45 दिन से अधिक का नामांतरण तथा 60 दिन से ज्यादा बंटवारा प्रकरण लंबित ना रहे। स्वामित्व के आबादी के सर्वे कार्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सभी कलेक्टर और अपर कलेक्टरों के न्यायालयों का निरीक्षण करेंगे और जो वरिष्ठतम पटवारी है, उनको राजस्व निरीक्षक प्रभार कलेक्टर द्वारा दिया जाएगा, इससे सीमांकन के कार्यों में तेजी आएगी।