इंदौर। भाजपा में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब एक साथ सभी जिलों के अध्यक्षों की घोषणा नहीं हो पा रही है। कुछ जिलों के चक्कर में संगठन ने सभी को लटका दिया और अब एक साथ घोषणा होने की बात कही जा रही है। अगर एक साथ घोषणा भी नहीं होती है तो पहली सूची आज आने की पूरी संभावना है, क्योंकि कल से प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू होना है और इसमें 50 प्रतिशत से अधिक जिलाध्यक्षों को मतदान करना होता है।
पिछले साल भाजपा ने सभी 60 जिलों के अध्यक्षों के लिए रायशुमारी की प्रक्रिया पूरी कर ली थी और भोपाल जाकर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिफाफे सौंप दिए थे। बाद में इन लिफाफों में शामिल नामों का पैनल बनाया गया और उसमें वरिष्ठ नेताओं की सहमति भी ले ली। हर जिले में शामिल उम्मीदवारों को रायशुमारी में कितने वोट आए इसको लेकर भी बारीकी से पड़ताल की गई और उसके बाद तीन-तीन नामों का पैनल तैयार कर लिया गया, लेकिन इन तीन नामों में से एक-एक नाम निकालने में ही संगठन के चुनाव से संबंधित पदाधिकारियों ने 9 जनवरी कर दी। हालांकि सूत्र तो कह रहे हैं कि प्रदेश के तकरीबन सभी जिलाध्यक्षों के नाम फाइनल हो गए हैं, लेकिन कुछ बड़े शहर ऐसे हैं, जहां बड़े नेताओं ने पेंच फंसा रखा है। चूंकि अब दो साल बाद नगर निगम चुनाव से फिर चुनावों का आगाज हो जाएगा, इसलिए पार्टी नहीं चाह रही है कि बड़े नेताओं को नाराज किया जाए, जिससे संगठन की गतिविधि भी प्रभावित हो। इनमें इंदौर भी एक है, जहां जिले और शहर में घमासान मचा हुआ है। फिर भी टीनू जैन, बबलू शर्मा और सुमित मिश्रा के नाम पैनल में हैं और इनमें से किसी एक को चुनना आखिरी चुनौती के रूप में सामने है। ग्रामीण क्षेत्र में भी विजयवर्गीय समर्थक चिंटू वर्मा को रोकने के लिए सिलावट ने सांवेर से नाम आगे बढ़ाकर ग्रामीण अध्यक्ष की भी घोषणा रुकवा दी है। इंदौर को होल्ड करने की बात भी कही जा रही है। हालांकि कल से प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होना है और पार्टी को आज पहली सूची घोषित करना ही पड़ेगी। सूत्र तो यह भी कह रहे हैं कि पहली बार अगर संगठन जिलाध्यक्षों को घोषित करने में लेट हुआ है तो पहली ही बार एक साथ सभी 60 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा कर संगठन एक उदाहरण भी पेश कर सकता है। फिलहाल तो निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े पदाधिकारी इस बारे में कुछ कहने को तैयार नहीं हैं।
अगर ये तीन नाम नहीं तो फिर कौन?
भाजपा में पैनल तो तैयार हो गया है और इंदौर से टीनू, सुमित तथा बबलू के नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं। दावा तो जवाहर मंगवानी, नानूराम कुमावत, मुकेश राजावत का भी है। पहले महिला अध्यक्ष को लेकर भी नाम चला था, जिसमें दिव्या गुप्ता, सविता अखंड, ज्योति तोमर के नाम सामने आए थे। पिछले दिनों श्रेष्ठा जोशी ने भी वीडी शर्मा के सामने अध्यक्ष पद के लिए दावा किया है। फिलहाल तो इंदौर में महिला अध्यक्ष जैसी कोई संभावना से स्थानीय नेता इनकार कर रहे हैं, क्योंकि इंदौर जैसे शहर में अध्यक्ष का काम एक तरह से पूर्णकालिक ही रहता है।
इस तरह से होगी प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया
वर्तमान में खजुराहो सांसद वीडी शर्मा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका हटना तय है और उनके स्थान पर पार्टी किसी नए नाम को तवज्जो दिए जाने की तैयारी की रही है, लेकिन इसके लिए भी चुनावी प्रक्रिया से गुजरना होगा। कल से प्रदेश अध्यक्ष के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू की जाना है। इस प्रक्रिया में सभी विधायक और सांसद मतदान करते हैं। फिलहाल भाजपा के 163 विधायक और 29 सांसद हैं। इनके अलावा सभी 230 विधानसभा से एक-एक प्रतिनिधि मतदान करेगा, जो वरिष्ठ नेता होता है। पार्टी इनकी सूची जारी करेगी। इसके अलावा दो-दो विधानसभाओं को मिलाकर एक-एक प्रतिनिधि भी अलग से नियुक्त किया जाता है, जो मतदान प्रक्रिया में भाग लेता है। मतदान की तारीख अभी तय नहीं है। पार्टी ने धर्मेंद्र प्रधान को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रभारी बनाया है, जो जल्द ही भोपाल आकर सारी प्रक्रियााओं की जानकारी देंगे। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में आई रायशुमारी और पैनल वे दिल्ली ले जाएंगे, जहां सभी राज्यों के लिफाफे एक साथ खोले जाएंगे और इसी माह प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी, क्योंकि फरवरी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। हालांकि प्रदेश और राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कभी-कभी आपसी सहमति या निर्वाचन की स्थिति भी नहीं बनती है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved