होशंगाबाद। कोरोना काल में डॉक्टर मरीजों के लिए देवदूत की भूमिका में हैं। अपनी जान की परवाह किए बिना डॉक्टर दिन रात मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं। ऐसे में होशंगाबाद जिले के एक डॉक्टर ने शानदार मिसाल पेश की है। केरल में लाखों रुपये महीने की नौकरी कर रहे होशंगाबाद के डॉक्टर ऋषि जॉर्ज अपने जिले की सेवा के लिए लौट आए हैं क्योंकि होशंगाबाद जिला अस्पताल में कोई एमडी डॉक्टर नहीं है। यहां आने के बाद ऋषि जॉर्ज सरकार से कोई वेतन भी नहीं ले रहे, वह फ्री में सेवा दे रहे हैं।
दरअसल, कोरोना के कहर से जूझ रहे होशंगाबाद जिला अस्पताल में कोई एमडी डॉक्टर नहीं था। सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने डॉ जॉर्ज को पत्र लिखकर होशंगाबाद के हालातों की जानकारी दी। सांसद की चिट्ठी मिलते ही डॉक्टर ऋषि ने केरल में लाखों रुपये महीने की नौकरी से त्यागपत्र देकर होशंगाबाद आ गए। यहां वे बगैर किसी वेतन के जिला अस्पताल में कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं। साथ ही जिला अस्पताल के आईसीयू भी संभाल रहे हैं।
डॉ ऋषि जॉर्ज ने बताया कि होशंगाबाद मेरी मातृ भूमि है। मेरा बचपन यहीं गुजरा है। मेरे पिता भी यहीं स्कूल चलाते हैं। आज मेरी मातृभूमि को मेरी जरूरत है। इसलिए मैं वापस आ गया हूं। रोजाना जिला अस्पताल में जाकर कोविड के मरीजों का उपचार कर रहा हूं। जिला अस्पताल में आईसीयू है लेकिन एमडी डॉक्टर की कमी से इसका सही संचालन नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि मैंने आईसीयू संभाल लिया है। मरीजों को हर संभव उपचार देने का प्रयास कर रहा हूं। जब होशंगाबाद की स्थिति में सुधार हो जाएगा तो मैं वापस चला जाऊंगा।
मित्र डॉक्टर ने भी दिया आमंत्रण
डॉ ऋषि जॉर्ज को होशंगाबाद आने के लिए उनके मित्र डॉक्टर उमेश सेठा ने आमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण रोजाना मौतें हो रही हैं। जिला अस्पताल में एमडी डॉक्टर नहीं होने से बहुत परेशानी है। इसके बाद सांसद सिंह ने डॉ ऋषि के चिठ्ठी भेजी। पत्र मिलते ही डॉ ऋषि होशंगाबाद आ गए।
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