- जबलपुर से भोपाल ले जाने की जिद के आगे एक विभाग की कमान दो-दो अफसरों को
जबलपुर। मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी के राजस्व प्रबंधन विभाग को भोपाल ले जाने की जिद के आगे अफसर नियमों को भी ताक पर रख रहे है। एक विभाग की कमान दो-दो अफसरों को दी गई है। क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल में बैठक व्यवस्था नहीं है फिर भी कर्मियों को जबलपुर से स्थानांतरित किया जा रहा है। विभागों के जाने पर स्थानीय नेताओं ने भी मुख्यमंत्री तक गुहार लगाने के दावे किए लेकिन 16 जनवरी को लगभग एक माह होने जा रहा है लेकिन सरकार न ही जनप्रतिनिधि की ओर से इस मामले में कोई ठोस नतीजा निकला है।
एक दिन पहले अभियंता संघ ने पावर मैनेजमेंट कंपनी में प्रतिनियुक्ति पर आए अफसरों को वापस मूल विभाग में भेजने की मांग कर रहे हैं। अभियंता संघ के इंजी.व्हीकेएस परिहार ने कहा कि वरिष्ठ अफसरों के बावजूद प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों को लाकर उच्च पदों पर बैठाया जा रहा है।यदि उन्हें नहीं हटाया गया तो 17 जनवरी से पांच दिन के लिए सामूहिक अवकाश पर पावर मैनेजमेंट कंपनी के कर्मी जाएंगे।
पावर मैनेजमेंट कंपनी के राजस्व प्रबंधन विभाग के महाप्रबंधक के पद पर दो अफसर है। ऊर्जा विभाग के मंत्री के ओएसडी रहे शैलेंद्र सक्सेना को यह विभाग की जवाबदेही दी गई है। इधर पूर्व से कार्यरत राजस्व प्रबंधन के फिरोज मैश्राम भी इस विभाग में काम देख रहे हैं। उन्हें भोपाल में बैठकर जबलपुर दफ्तर के साथ समन्वय बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। हैरानी की बात है कि शक्ति भवन जैसे बड़े दफ्तर को छोड़कर कंपनी प्रबंधन ने भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय में तीन दर्जन से ज्यादा अफसरों को बैठाया हुआ है। वहां बैठक व्यवस्था बिगड़ गई है। कई लोगों को गलियारे में बैठना पड़ रहा है। शक्ति भवन से राजस्व प्रबंधन का दफ्तर जाने के खिलाफ प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव,सांसद राकेश सिंह, विधायक अजय विश्नोई, विधायक अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदु, तरुण भानोत,विनय सक्सेना ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। कुछ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से भोपाल जाकर चर्चा करने का दावा भी किया था। अभी तक जनप्रतिनिधियों की तरफ से भेजी गई चिट्टी पर कोई हलचल नहीं नजर आ रही है।