इंदौर। अन्नपूर्णा पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। बताते हैं कि पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह के सरगना को फर्जी कागजात के मामले में देवास में दस साल की सजा भी हो चुकी है और वह जमानत पर है।
अन्नपूर्णा पुलिस ने कुछ दिन पहले 50 लाख से अधिक के नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले गिरोह के गणेश चौहान, विक्रम, प्रयेश, राजेश बारबड़े और प्रवीणसिंह को गिरफ्तार कर उनसे पास से प्रिंटर और लाखों के नकली नोट जब्त किए थे। सरगना राजेश बारबड़े ने लाखों के नोट उज्जैन में भी चलाना कबूला था। इसके बाद पुलिस ने उज्जैन से भी आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। डीसीपी राजेशकुमार सिंह ने बताया कि जांच में पता चला कि बारबड़े के खिलाफ भोपाल, देवास सहित कई थानों में फर्जी स्टाम्प और अन्य कागजात बनाने के मामले दर्ज हैं। देवास में भी उसके खिलाफ फर्जी कागजात के मामले में केस दर्ज हुआ था। 2009 में उसे इस मामले में दस साल की सजा हो चुकी है और वह जमानत पर है।
जिसके नाम से बनाई थी फर्जी आईडी वह भी पुलिस को मिला
राजेशकुमार सिंह ने बताया कि राजेश ने अशोक चौहान नामक एक व्यक्ति के नाम से फर्जी आईडी बनाई थी। पुलिस उस तक भी पहुंच गई। उसने बताया कि वह राजेश को पहचानता नहीं है। संभवत: उसने किसी और के स्थान पर अपने कागजात लोन के लिए दिए थे, जिसने उसके कागजात का दुरुपयोग कर यह फर्जी आईडी बनाई है। अब इस मामले में भी उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved