इंदौर। कल 14 दिसंबर को इस साल का आखिरी वैवाहिक मुहूर्त रहेगा। देवउठनी एकादशी से शुरू हुए शादी-विवाह के सीजन पर 14 दिसंबर शाम से 1 महीने तक का विराम लग जाएगा। 15 से पौष – खरमास की शुरुआत होगी। पिछले 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी से शादी-विवाह शुरू होने के बाद 14 दिसंबर तक शादी-विवाह के लिए 16 दिन मिलें और लग्नसरा का सीजन जोरों पर चला। हर कहीं शादियों की शहनाई और बैंड-बाजे की गूंज सुनाई देती रही, लेकिन अब 2024 के शादी के सीजन की समाप्ति और शादी के सीजन का शोर कल शाम को थम जाएगा। 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही मलमास शुरू होगा। इस दौरान एक महीने तक शादी-विवाह के कार्यक्रम नहीं हो पाएंगे। मलमास में भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी। इस दौरान जगह-जगह भागवत कथाओं के आयोजन होंगे। जनवरी में मकर संक्रांति के बाद से शादियां प्रारंभ होगीं। 14 जनवरी को मकर संक्रांति रहेगी। पुण्यकाल भी इसी दिन सुबह 7.21 से शाम 5.20 बजे तक रहेगा। साल 2025 में मकर संक्राति से त्योहार शुरू होंगे। इसके बाद वसंत पंचमी, शिवरात्रि व होली जैसे प्रमुख त्योहार आएंगे।
कल व्रत पूर्णिमा और दत्तात्रेय जयंती
14 दिसंबर को शाम पांच बजे से पूर्णिमा है। इसमें व्रत कर सकते हैं, वहीं 15 को दोपहर 2.30 तक पूर्णिमा है। इसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। कल ही त्रिदेव भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाएगी, अत: 15 तारीख को स्नान-दान पूर्णिमा होगी। दोपहर 2.30 के बाद प्रतिपदा तिथि लग रही है। इसी के साथ पौष मास प्रारंभ हो जाएगा
साल में दो बार आता है खरमास
सनातन धर्म के अनुसार खरमास के दिनों में शुभ कार्य नहीं किया जाता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल में दो बार खरमास लगता है। खरमास के दौरान धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान सूर्य और श्रीहरि विष्णु की पूजा-आराधना का विधान है। खरमास में किसी भी शुभ कार्य पर प्रतिबंध होता है, यानी इस दौरान शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, वाहन खरीदारी, व्यापार की शुरुआत नहीं हो सकती।
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