नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार हर तरह के ग्रहण (Assumption) को अशुभ (Inauspicious) ही माना जाता है. ग्रहण के दौरान सभी जीव-जंतुओं और मनुष्यों पर इसका नकारात्मक प्रभाव (Negative Effect) पड़ता है. कहा जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य (Demanding Work) को नहीं किया जाना चाहिए.
साल 2021 में सबसे पहला चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) 26 मई 2021 को लगा था और साल 2021 का आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगने वाला है. ये ग्रहण आंशिक रूप से लगेगा जो कि भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा. इस बार साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण कुछ राशियों (Zodiac Signs) के साथ देश-दुनिया के लिए भी काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है.
किस पर पड़ेगा प्रभाव?
ये आखिरी ग्रहण वृषभ राशि में लगने वाला है और इन राशि के लोगों को तंग भी कर सकता है, हालांकि ये आंशिक ग्रहण है इसलिए इसका सूतक काल नहीं लगेगा.
कैसे लगता है ग्रहण?
चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है. जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक जाता है और सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं. शास्त्रों के अनुसार जब ग्रहण पूर्ण होता है तो उसका प्रभाव अधिक होता है. जब पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है तभी सूतक के नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है. लेकिन अगर उपछाया ग्रहण हैं तो इसमें सूतक के नियमों का अधिक पालन नहीं किया जाता है. आपको बताते चलें कि चंद्र ग्रहण हमेशा ‘पूर्णिमा’ को लगता है.
कब है चंद्र ग्रहण?
ज्योतिष गणना के अनुसार साल का अंतिम चंद्र ग्रहण दिवाली के बाद 19 नवंबर 2021 को लगने जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण विक्रम संवत 2078 में कार्तिक मास की पूर्णिमा को कृत्तिका नक्षत्र और वृषभ राशि में लगने वाला है. यह चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को 11 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर शाम 05 बजकर 33 मिनट पर खत्म होगा. आपको बता दें कि 19 नवंबर को उपछाया चंद्र ग्रहण लगेगा, जिसे कि पेनुमब्रल भी कहते हैं.
चंद्र ग्रहण तीन तरह के होते हैं
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