न्यूयॉर्क। भारत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के दस्तावेज में पहली बार सुरक्षा परिषद सुधार पर एक विस्तृत पैराग्राफ शामिल किया गया है। यह एक “अच्छी शुरुआत” है। नई दिल्ली 15 देशों के इस निकाय में एक निश्चित समय सीमा में सुधार को लेकर वार्ता शुरुआत की आशा व्यक्त करता है।
दुनियाभर के नेताओं ने रविवार को सर्वसम्मति से ‘पैक्ट ऑफ द फ्यूचर’ को अपनाया है। जिसमें “सुरक्षा परिषद में सुधार करने की बात कही गई है। इस समझौते में सुरक्षा परिषद को और अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाने की तत्काल आवश्यकतों को मान्यता देने की बात कही गई है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने लंबे समय से लंबित सुरक्षा परिषद सुधारों पर ‘पैक्ट ऑफ द फ्यूचर’ की भाषा को “अभूतपूर्व” बताया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री से जब यह पूछा गया कि, भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार पर ‘पैक्ट ऑफ द फ्यूचर’ की भाषा को किस प्रकार देखता है? तो उन्होंने कहा, मैं आपका इस तथ्य की ओर ध्यान ले जाना चाहूंगा कि पहली बार संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के दस्तावेज में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार पर एक विस्तृत पैराग्राफ है। मिस्री ने आगे कहा कि, इस समझौते पर हर क्षेत्र पर, हर एक विवरण नहीं हो सकता है जिसकी हम कल्पना करते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यह एक अच्छी शुरुआत है। भारत आगे चलकर एक निश्चित समय-सीमा में इस वार्ता की शुरुआत की उम्मीद करता है।
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