इंदौर। बहुचर्चित खासगी ट्रस्ट की संपत्ति शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों व देवस्थानों में निकली है, जिस पर प्रशासन द्वारा आधिपत्य लिया जा रहा है। ताजा मामला देपालपुर क्षेत्र का है, जहां श्री मंगलेश्वर महादेव की जमीन पर प्रशासनिक अफसरों ने कब्जा लिया है।
तहसीलदार बजरंगबहादुर सिंह सहित अन्य अधिकारियों की टीम कल मौके पर पहुंची और कब्जा लेने की कार्यवाई की। सर्वे नंबर 727 तथा रकबा 0.1580 में दर्ज श्री मंगलेश्वर महादेव मंदिर (देवी अहिल्याबाई चैरिटी ट्रस्ट इंदौर) देवस्थान पर प्रशासन ने अपना बोर्ड लगा दिया है। देपालपुर के अलावा गौतमपुरा स्थित अंकलेश्वर मंदिर भी खासगी ट्रस्ट के नाम पर दर्ज है। आज प्रशासन की टीम द्वारा दस्तावेजों की जांच-पड़ताल करने के बाद प्रशासन की टीम वहां भी पहुंची। अधिकारियों ने मंदिर और उसके क्षेत्र की जानकारी लेने के बाद राजस्व के अमले को मंदिर और उसकी भूमि का सीमांकन करने के निर्देश दिए। कल सीमांकन के पश्चात यहां भी कब्जे की कार्रवाई की जाएगी।
किसी भी मंदिर के पुजारी को नहीं मिल रहा है वेतन
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा खासगी ट्रस्ट को पुजारियों के वेतन और व्यवस्था के लिए 2 लाख 91 हजार 992 रुपए की राशि आज से 60 साल पहले स्वीकृत की गई थी, लेकिन तब से लेकर आज तक किसी भी मंदिर के पुजारी को ट्रस्ट ने कोई वेतन नहीं दिया। उलटा पुजारियों का कहना है कि ट्रस्ट द्वारा दानपेटियों से निकलने वाली राशि के एवज में प्रतिवर्ष एक नियत राशि की मांग की जाती रही है और उसके एवज में लीज के दस्तावेज बनाए गए।
हातोद में श्रीराम मंदिर एवं बिल्केश्वर मंदिर पर कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू
दोनों मंदिरों पर कुल 65 हेक्टेयर जमीन, अमला पहुंचा मौके पर
प्रशासन द्वारा खासगी ट्रस्ट की जमीनों पर कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हातोद में श्रीराम मंदिर एवं बिल्केश्वर मंदिर की भूमि पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एसडीएम शाश्वत शर्मा ने बताया कि दोनों मंदिरों में कुल 65 हेक्टेयर जमीन है। राजस्व अमले द्वारा सीमांकन कर कब्जा लिया जा रहा है। श्रीराम मंदिर में कुल 53 हेक्टेयर तथा बिल्केश्वर महादेव मंदिर में 12 हेक्टेयर जमीन है। इसके अलावा भी जो मंदिरों में खासगी ट्रस्ट की भूमि है, वहां कब्जा लेने की कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन की टीम द्वारा कल से सीमांकन शुरू कर दिया गया है। जितनी भी जमीन है उन सभी पर कब्जा लेकर प्रशासन अपना बोर्ड लगाएगा। जिन जमीनों पर अतिक्रमण होगी उसे भी सख्ती से हटाया जाएगा।
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