इंदौर। भंवरकुआ चौराहा के यातायात को 15 साल बाद भी व्यवस्थित नहीं किया जा सका है। अब एक बार फिर प्रशासन और निगम ने भंवरकुआ चौराहा को दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू की है, मगर एक बड़ी गड़बड़ी यह सामने आई कि प्राधिकरण ने यहां पर स्थित अपनी योजना 44 में जो कार पार्किंग के लिए जगह चिन्हित की थी उसे निजी व्यक्ति को आवंटित कर दिया।
अभी कलेक्टर मनीष सिंह, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती रेणु जैन, निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बैठक भी की, जिसमें भंवरकुआ चौराहा के यातायात को सुगम बनाने के संबंध में निर्णय लिया गया। भंवरकुआ चौराहा के लेफ्ट टर्न को चौड़ा किया जाएगा और थाने के लिए भी नया भवन बनेगा और मंदिर को भी पीछे शिफ्ट करेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय की जमीन भी ली जाएगी। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवाणी ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण ने अपनी योजना क्र. 44, जो कि भंवरकुआ क्षेत्र के लिए थी, उसमें कार पार्किंग के लिए जो जगह चिन्हित की गई थी उसे हार्डिया परिवार के चार लोगों को सौंप दिया। जबकि प्राधिकरण ने ही 2007 से बीआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण शुरू करवाया और भंवरकुआ चौराहा पर चार अतिक्रामकों को 19 नवम्बर 2007 को यह रजिस्ट्री कर दी, जो कि विष्णुपुरी से ट्रांसपोर्ट नगर लेफ्ट टर्न पर कार पार्किंग के लिए आरक्षित रखी गई थी। 21 जून 2005 को प्रशासन ने भी इसे अवैध अतिक्रमण बताया था। बावजूद इसके प्राधिकरण ने इस जमीन की रजिस्ट्री करवा दी, जिसके चलते चौराहा का चौथा लेफ्ट टर्न 15 सालों से नहीं बन सका है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved