इंदौर (Indore)। इंदौर का गणेशोत्सव (Ganeshotsav of Indore) भी अब मुंबई की तर्ज पर ही आयोजित होने लगा है। बड़े-बड़े पंडाल और उसमें भव्य मूर्तियां विराजित करने की होड़ मची हुई है, लेकिन पालदा में पिछले 37 सालों से मनाए जा रहे गणेशोत्सव की कहानी कुछ अलग ही है। यहां मुंबई से ही भगवान गणेश की प्रतिमा लाई जाती है और बाद में वहीं विसर्जन के लिए ले जाई जाती है।
मालवा गणेश मंडल द्वारा यह आयोजन कई सालों से किया जा रहा है, जब शहर में छोटी-छोटी गणेश प्रतिमाएं विराजित की जाती थीं। आयोजकों का कहना है कि पालदा जब गांव था और उस समय यहां विराजित की जाने वाली भव्य प्रतिमा देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते थे। एक तरह से हमने ही शहर में बड़ी और भव्य प्रतिमा लाने की शुरुआत की है। इस वर्ष भी यह सिलसिला जारी रहेगा। मंडल के अध्यक्ष मनोज वर्मा एवं संयोजक अशोक गोयल ने बताया कि इस बार 21 फीट ऊंची और 15 फीट चौड़ी प्रतिमा विराजित की जाएगी। प्रतिमा मुंबई में तैयार हो चुकी है। 7 सितम्बर को भव्य चल समारोह के साथ प्रतिमा विराजित की जाएगी, वहीं विसर्जन समारोह भी बड़े स्तर पर निकाला जाता है। लोग पालदा के राजा को छोडऩे के लिए बायपास तक जाते हैं और फिर वहां से प्रतिमा मुंबई में विसर्जन के लिए रवाना की जाती है। लालबाग के राजा की तर्ज पर पालदा के राजा को सजाया जाता है और 10 दिनों तक विभिन्न आयोजन भी होते हैं, जिसमें क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।
गणेशोत्सव में एआई छाएगा… पंडालों में होंगे अलग-अलग स्थानों के दर्शन
इस बार के गणेशोत्सव में एआई की मदद ली जा रही है। शहर के कई पंडालों में एआई की मदद से अलग-अलग स्थानों के दर्शन करवाए जाएंगे। इसकी तैयारियां कई दिनों से चल रही है, वहीं अब सडक़ों के किनारे भी गणेश प्रतिमाएं बेचने वालों ने अपनी दुकानें सजा ली हैं।
यहां 30 संस्थाएं आईं एक साथ
राजेंद्र नगर क्षेत्र में गणेशोत्सव के लिए इस बार 30 से अधिक संस्थाएं एक साथ हैं। गणशोत्सव देवी अहिल्याबाई होलकर को समर्पित किया गया है, जो 7 सितंबर से विशाल शोभायात्रा के साथ शुरू होगा। 18 सितंबर तक प्रतिदिन यहां सांस्कृतिक, धार्मिक और बौद्धिक आयोजन होंगे, जो पूर्णत: भारतीय संस्कृति और लोकमान्य तिलक के आदर्शों के अनुरूप होंगे। विशाल शोभायात्रा सिद्धि विनायक गणपति मंदिर से शाम 5 बजे घोड़े, बग्घी, बैंड-बाजों के साथ शहर के सभी प्रमुख संतों और गणमान्य नागरिकों के साथ होगी। प्रशांत बड़वे और सुनील धर्माधिकारी ने बताया कि 16 सितंबर को शाम 7 बजे से लता मंगेशकर सभागृह राजेंद्र नगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश भैयाजी जोशी का व्याख्यान होगा। वे ‘लोकमाता अहिल्याबाई का आध्यात्मिक शासन’ विषय पर बात करेंगे।
हल्दी वाले गणेशजी देंगे शीश महल में दर्शन
सिरपुर का गणेश मंदिर अपनी अनोखी शैली और पद्धति के लिए प्रचलित हो चुका है। पांच वर्ष पहले मंदिर की स्थापना हुई थी। यहां भगवान गणेश को हल्दी का चोला चढ़ता है और इसके लिए भक्तों को महीनों इंतजार करना पड़ता है। मंदिर में सात सितंबर से विभिन्न आयोजनों की शुरुआत होगी और पहले दिन श्री गणेश भक्तों को शीश महल में दर्शन देंगे। भक्तों को यहां अभिमंत्रित रक्षासूत्र का वितरण भी किया जाएगा। मंदिर के पुजारी पंडित बांकेबिहारी शास्त्री, छोटे ठाकुर ने बताया कि हर बुधवार को बड़ी संख्या में भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हंै। श्री गणेश का अष्टगंध सिंदूर, केसर, चंदन से श्रृंगार भी किया जाता है।
बुकिंग के लिए पहुंचने लगे
इंदौर में अब सडक़ों के किनारे भी गणेश प्रतिमाओं की दुकानें लग गई हैं, जहां लोग बड़ी संख्या में बुकिंग के लिए पहुंचना शुरू हो गए हंै। कई प्रतिमाओं की बुकिंग अभी से हो जाएगी, जो मुहूर्त से पहले ले जाई जाएगी। शहर में चिकमंगलूर चौराहा, सत्यसाईं, मालवा मिल, आस्था टॉकीज मार्ग, बॉम्बे हॉस्पिटल क्षेत्र, बंगाली चौराहा, रानीपुरा, मालगंज, बाणगंगा, स्वदेशी मिल रोड, कुम्हारखाड़ी सहित कई स्थानों पर मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं सहित पीओपी की प्रतिमाओं की बुकिंग हो रही है। हालांकि, बीते कुछ सालों में बड़ी संख्या में लोगों में मिट्टी के गणेश को लेकर जागरूकता आई है, तो कई लोग घरों में ही मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं का निर्माण कर लेते हैं।
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