पुणे: रांची से इंडिगो फ्लाइट में एक पैसेंजर ने उड़ान भरी. थोड़ी देर के बाद अंदर बैठे इस बुजुर्ग यात्री को सीने में दर्द की शिकायत हुई. पायलट ने पैसेंजर की जान बचाने के लिए पुणे की बजाए पास में मौजूद नागपुर के एयरपोर्ट अथॉरिटी से बात की. इसके बाद विमान की नागपुर में इमरजेंसी लैंडिंग की गई. तुरंत अस्पताल ले जाया गया. पैसेंजर को हार्ट अटैक आया था. उम्र भी सत्तर से ज्यादा थी.
डॉक्टरों ने कोशिश की लेकिन पैसेंजर की जान नहीं बच पाई. लेकिन जान बचाने के लिए पायलट ने अपनी ड्यूटी जी जान से निभाई. प्राप्त जानकारियों के मुताबिक शुक्रवार को 6E-672 नंबर की इंडिगो फ्लाइट रांची से पुणे के लोहगांव एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी. लेकिन थोड़ी ही देर बार हाई ब्लडप्रेशर की वजह से विमान में बैठे 73 साल के एक पैसेंजर के सीने में दर्द हुआ. तुरंत उन्होंने क्रू मेंबर्स को इस बारे में जानकारी दी.
रांची से पुणे के लिए इंडिगो ने उड़ान भरी, नागपुर में लैंडिंग की जरूरत पड़ी
अभी पुणे आने में देर थी. नागपुर पास में था. ऐसे में सह पायलट ने नागपुर एयरपोर्ट के एटीसी से संपर्क किया. पायलट ने एटीसी से इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत मांगी. एटीसी से ग्रीन सिग्नल दिया. पुणे में लैंड होने वाला प्लेन ने नागपुर में रात 10 बज कर 12 मिनट पर लैंड किया. एयरपोर्ट पर इमरजेंसी की व्यवस्था तैयार थी. बुजुर्ग पैसेंजर को तुरंत वहां से किम्स-किंग्सवे अस्पताल ले जाया गया.
नहीं बची पैसेंजर की जान, पर जान बचाने के लिए पायलट ने लगाया जी-जान
किंग्सवे अस्पताल के डिप्टी जनरल (कम्युनिकेशन) एजाज शमी ने कहा कि बुजुर्ग पैसेंजर को हार्ट अटैक का झटका आया था. अस्पताल में आते ही उनकी जांच की गई. लेकिन उनकी मौत पहले ही हो चुकी थी. प्रक्रिया पूरी करने के लिए उनका शव इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भेजा गया. उनकी मौत की खबर उनके परिवार वालों को दी गई.
73 साल के उस बुजुर्ग की जान नहीं बच सकी. लेकिन एक शख्स की जान बचाने के लिए इंडिगो कंपनी के कर्मचारियों ने जो किया उसकी तारीफ करनी होगी. यह उस मिसाल से अलग है जो शुक्रवार को ही दिल्ली से पुणे जाने वाले शख्स को फ्लाइट की टाइमिंग बदलने का मैसेज आया, वह जब बदली हुई टाइमिंग के आधार पर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा तो फ्लाइट निकल चुकी थी.
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