नई दिल्ली । कर्नाटक में हिजाब बैन (Hijab Ban in Karnataka) पर कांग्रेस नेता (Congress Leader) प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) ने कहा, हिजाब का मुद्दा (The Issue of Hijab) जनता ने नहीं उठाया (Has Not been Raised by the Public), बल्कि भाजपा और इनसे जुड़े संगठनों ने ही उठाया है (But raised by the BJP and its Associated Organizations) । अगले वर्ष कर्नाटक में चुनाव हैं और यह मुद्दा उसी राज्य से उठा भी है।
कर्नाटक चुनाव और भाजपा पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, भाजपा की राज्य में कोशिश यही है कि 40 फीसदी कमीशन और कुछ भाजपा के नेता बिटकॉइन में फंसे हैं। भ्रष्टाचार में सम्मिलित नेताओं से मुद्दा हटे और हिजाब पर विवाद होता रहे। हिजाब मुद्दा जनता ने नहीं उठाया, बल्कि भाजपा और इनसे जुड़े संगठनों ने ही उठाया है।
कांग्रेस हमेशा अपना पक्ष ही रखती है कि भारत का संविधान खाने-पीने, पहनावे का सबका अपना अधिकार है और यह अधिकार तब तक है जब तक दूसरे का अधिकार उल्लंघन ना हो। आज आप हिजाब, कल पगड़ी फिर घूंघट और फिर पर्दे पर रोक लगा दीजिए। यह सब तो रीती रिवाज हैं। कई स्कूलों में यूनिफॉर्म है तो कई स्कूलों में यूनिफॉर्म ही नहीं है। यदि यह मामला संवेदनशील नहीं होता तो सुप्रीम कोर्ट की भी दो राय नहीं होती, इस पर बयान देने से पहले हमें सुप्रीम कोर्ट के तीनों जजों का फैसला सुनना चाहिए और प्रतीक्षा करनी चाहिए।
दरअसल कर्नाटक सरकार ने प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने पर रोक लगाई है। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने खंडित फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति गुप्ता ने कर्नाटक सरकार के बैन को बरकरार रखा और कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी। हालांकि, न्यायमूर्ति धूलिया ने सभी अपीलों को स्वीकार कर लिया और कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया।
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