नई दिल्ली: जीएसटी को लेकर संसद से लेकर सड़क तक सरकार का विरोध हो रहा है. वहीं अब जीएसटी का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. दरअसल, व्हील चेयर,ब्रेल पेपर पर जीएसटी लगाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच के सामने याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की गई है. इस याचिका पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारी चिंता ये है कि नीतिगत मसला हैं. ऐसे में हम किस हद तक दखल दे सकते हैं. इसके बाद कोर्ट ने याचिका पर जल्द सुनवाई का भरोसा दिया है.
बता दें कि सरकार ने विकलांगों के लिए सहायक उपकरणों पर 5% वस्तु और सेवा कर लगाने का फैसला किया है. इसके खिलाफ विपक्ष ने जमकर सरकार पर हमला बोला था. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिव्यांगों के लिए असंवेदनशील है. जीएसटी काउंसिल की बैठक के पहले दिन ये फैसला लिया गया था. बैठक में GST काउंसिल ने कृत्रिम अंगों और आर्थोपेडिक ट्रांसप्लांट पर एक समान 5% GST दर लागू करने की सिफारिश की है. बैठक में दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसे डिब्बा बंद और लेबल-युक्त खाद्य पदार्थों पर 18 जुलाई से माल एवं सेवा कर (GST) लगाने का फैसला किया था.
वहीं सदन में जीएसटी की दरें बढ़ाने पर गतिरोध जारी है. बीते सोमवार से मानसून सत्र शुरू हो चुका है. लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते बार-बार सदन को स्थगित करना पड़ रहा है. वहीं भाजपा ने विपक्ष पर संसद न चलने देने का आरोप लगाया है. जबकि कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं हो रही है. इस बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी एक ही मांग है कि महंगाई और खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाए जाने पर तत्काल चर्चा हो. राज्यसभा में नियम 267 के तहत यह मांग की जा रही है। नियमावली में यह प्रावधान है कि अगर महत्वपूर्ण विषय है तो उस पर सभी कामकाज रोककर चर्चा हो सकती है.’’
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