इंदौर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रसाद पासवान ने कहा है कि संविधान मुद्दा अब देश में अगले 15 – 20 सालों तक चलेगा। भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब अंबेडकर के द्वारा धर्म परिवर्तन किया जाना घर में कमरा बदलने जैसा है।
पासवान कल यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन विश्व संवाद केंद्र के द्वारा आयोजित तीन दिवसीय नर्मदा साहित्य मंथन के सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस सत्र में उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ा। समरसता को परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि शोषण मुक्त, समता युक्त समाज ही समरसता है। भाजपा द्वारा शुरू किए गए संविधान गौरव अभियान की भी उन्होंने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत को बेहतर बनाने के लिए गांधी, लोहिया, अंबेडकर और दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को अंगीकार करना होगा।
उन्होंने कहा कि समाज के जिस वर्ग को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता रहा है उस वर्ग को हमने मंदिर के प्रबंधन में भागीदार बनाया है। सामाजिक अधिकार विभाग का नाम बदलकर उसे सामाजिक न्याय विभाग के रूप में परिवर्तित करने का काम भी भाजपा की सरकार ने किया है। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में संविधान को हाथ में लेकर नेरेटिव बनाने का प्रयास नाकाम हो गया है। देश में संविधान का मामला अगले 15 – 20 सालों तक चलता रहेगा। हमारे देश में वंचित समाज ने ही सनातनी संस्कृति को उठाया है। जो लोग आज कह रहे हैं कि संविधान खतरे में है दरअसल वे लोग अंबेडकर की विरासत पर कब्जा करना चाहते हैं। इन लोगों की पार्टी ने अनुसूचित जाति के लोगों को कहीं भी बढ़ावा नहीं दिया है।
भाजपा ने उड़ीसा में आदिवासी मुख्यमंत्री दिया। मध्य प्रदेश और राजस्थान में अनुसूचित जाति का उपमुख्यमंत्री दिया है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि बाबा साहब के द्वारा धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म स्वीकार किया जाना घर के अंदर कमरा बदलने के समान है। उन्होंने घर नहीं बदला था। जिस समय बाबा साहब ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया था उस समय पर इस धर्म के मानने वाले 2400 लोग थे और उसके बाद 1961 की जनगणना में यह आंकड़ा सामने आया कि बौद्ध धर्म के मानने वालों की संख्या 32.50 लाख हो गई।
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