इंदौर (Indore)। पिछले दिनों जीएसटी चोरी का एक बड़ा मामला उजागर हुआ, जिसमें लगभग 13 करोड़ रुपए की चोरी पकड़ी गई और दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। वहीं 150 से अधिक फर्मों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और केन्द्रीय जीएसटी की टीमों ने बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट के मामले में यह कार्रवाई की गई, जिसमें फर्जी फर्मों का इस्तेमाल किया गया और नकली आईटीसी तैयार की गई। इस घोटाले की लिंक गुजरात से भी जुड़ी मिली। लिहाजा सूत्रों के मुताबिक जांच टीम गुजरात जाकर भी पड़ताल करेगी। कुछ समय पूर्व भी सीजीएसटी ने इंदौर में 60 से अधिक फर्मों के खिलाफ फर्जीवाड़े की कार्रवाई की, जिसमें लगभग 60 करोड़ से अधिक का घोटाला भी उजागर हुआ। इन फर्मों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए और आईटीसी भी ब्लॉक कर दी गई। दरअसल इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी आईटीसी हासिल करने के लिए लगातार इस तरह के फर्जीवाड़े सामने आते रहे हैं।
पूर्व में भी वाणिज्य कर विभाग ने कई फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की थी और अब विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जिससे इस तरह के फर्जीवाड़े पकड़े जा रहे हैं। गत वर्ष ही लगभग 135 करोड़ का टैक्स घोटाला पकड़ा गया था और उसके बाद कई फर्मों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए। बिना कारोबार फर्जी रसीदों से भी इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया जा रहा था। अभी केन्द्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्त कार्यालय ने भी दो दिन पहले दो लोगों को गिरफ्तार भी किया और लगभग 13 करोड़ रुपए की नई जीएसटी चोरी के मामले सामने आए। इसमें कई रसूखदारों के नाम भी बताए जा रहे हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि गुजरात में भी पिछले दिनों इस तरह की कई फर्जी फर्में पकड़ी गई थी और एक आईटीसी ब्रोकर को भी गिरफ्तार किया था। पता चला कि यही ब्रोकर इंदौर में भी आकर कई नकली चालान बनाकर दे गया, जिसमें यहीं के कारोबारी शामिल रहे। लिहाजा गुजरात भी जांच टीम जाकर इस मामले की आगे की पड़ताल करेगी।
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