इंदौर। शहर के यातायात को दुरुस्त करने के लिए जहां पुलिस लगातार (Campaign) अभियान चलाकर चालानी कार्रवाई कर रही है, वहीं शहर के एक दर्जन चौराहे ऐसे हैं, जहां यातायात किसी न किसी कारण से यातायात बाधित होता है। ऐसे चौराहों पर सुधार के लिए उपायुक्त यातायात (deputy commissioner traffic) ने निगम कमिश्नर (corporation commissioner) को पत्र लिखा है। दो चौराहों पर काम शुरू भी हो गया है।
उपायुक्त यातायात महेशचंद्र जैन (Deputy Commissioner Traffic Maheshchandra Jain) ने बताया कि कई स्थानों पर लोग गलती से भी नियम तोड़ देते हैं। इसके चलते उन्होंने शहर के डेढ़ सौ से अधिक चौराहों और तिराहों का सर्वे शुरू करवाया है। अब तक एक दर्जन चौराहों पर सुधार की आवश्यकता देखने में आई है। लैंटर्न चौराहा पर पलासिया की ओर से आने वाले वाहन चालकों को छत्री के कारण सामने का सिग्नल नहीं दिखाई देता है।
इसके चलते वे जेब्रा लाइन क्रॉस कर देते हैं और चालानी कार्रवाई (invoice action) का शिकार हो जाते हैं। इसी प्रकार महू नाका पर छत्री पर होर्डिंग के कारण सिग्नल दिखाई नहीं देता है। इसके अलावा भी कई स्थानों पर वन-के की समस्या है तो कुछ स्थानों पर रोटरी बढ़ी है। ऐसे 12 चौराहों पर सुधार के लिए उन्होंने निगम कमिश्नर को पत्र लिखा है। बताते हैं कि लैंटर्न चौराहा पर काम भी शुरू हो गया है। बाकी चौराहों पर भी क्या समस्या है इसकी जानकारी निगम को दी गई है। निगम ने भी जल्द ही सभी समस्याओं का निदान करने की बात कही है।
नहीं मिला शहर में कोई ब्लैक स्पॉट
शहर में होने वाली दुर्घटनाओं (accidents) को रोकने के लिए जैन ने शहर में सर्वे करवाया था, ताकि पता लगाया जा सके कि कहां सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन अब तक के सर्वे में शहर के अंदर ऐसा कोई स्पॉट नहीं मिला, जहां तीन-चार दुर्घटनाएं हुई हों। ज्ञातव्य रहे कि शहर के बाहरी क्षेत्र में पुलिस ने 30 से अधिक ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए थे, जहां दुर्घटनाओं में सबसे अधिक लोगों की मौत होती है। इनमें बायपास, सुपर कॉरिडोर के हिस्से थे, लेकिन अब पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद पुलिस का कार्यक्षेत्र शहर के 34 थानों तक सीमित हो गया है, जहां ऐसे स्पॉट नहीं मिले हैं।
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