इंदौर। दंपति के खाते से लोन की किस्तें (loan installments) कटने लगीं तो वे परेशान हो गए कि आखिर बैंक वाले हर माह रुपए क्यों काट रहे। पता लगाया तो सामने आया कि जिसे लोन लेने के लिए कागज दिए थे, उसने ही 40 लाख रुप का लोन ले लिया।
मामला लसूडिय़ा थाने (Lasudia Police Station) का है। विशाल पारेता (Vishal Pareta) निवासी निपानिया (nipania) के साथ ठगी हुई है। उसकी पत्नी (wife) शशि क्लिनिक (Shashi Clinic) चलाती है। दरअसल दोनों ने लॉकडाउन (lockdown) के दौरान एक बिचौलिए के माध्यम से लोन लेने की प्रोसेस की थी, जिसके कागजात एक ऐसे बिचौलिए को दिए, जो खुद को बैंककर्मी नवीन सिंगनोतिया (Bank employee Naveen Singnotia) निवासी तिरुमला ग्रींस (Tirumala Greens) बता रहा था।
नवीन ने दस्तावेजों के अलावा प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पौने दो लाख रुपए भी ले लिए थे। नवीन ने इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर एचडीएफसी और एक्सिस बैंक (HDFC and Axis Bank) से दो कार फाइनेंस (Finance) करवाकर खुद के पास रख लीं। इसके अलावा उसने लोन भी लिया। नवीन ने करीब 40 लाख का लोन लिया और गाडिय़ां खरीदीं। दंपति को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। किस्तें कटने लगीं तो पूरी हकीकत सामने आई।
अकसर होते हैं इस तरह के फजीते
ऐसे कई मामले शिकायतों के माध्यम से पुलिस (police) के पास पहुंचे हैं, जिनमें लोन दिलाने वाले बिचौलिये ठगी कर लेते हैं। लोन लेने वाले इन्हें कागजात तो दे देते हैं, लेकिन किसी कारणवश लोन नहीं होने पर इनसे वापस कागजात नहीं लेते, जिसका फायदा यह बिचौलिये उठाते हैं और लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। तुकोगंज थाने (Police Tukoganj Police Station) में भी फर्जी कागजातों के आधार पर लोन लेने के मामले में एक गिरोह पर बीते दिनों पुलिस ने कार्रवाई की थी। खातीवाला टैंक में चाय की दुकान चलाने वाले कैलाश के साथ भी ऐसी ही ठगी हुई, उसके कागजात लेकर बिचौलिये ने लोन ले लिया। किश्त चुकाने की बारी आई तो कैलाश को उसके साथ हुई ठगी का पता चला।
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