एफएसएसएआई ने उज्जैन की कंपनी से इंदौर में सप्लाय होने वाले 45 लाख के हेल्थ सप्लीमेंट जब्त किए
इन्दौर।
फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड अथोरिटी ऑफ इंडिया (Food Safety and Standard Authority of India) की मुंबई (Mumbai) से आई टीम ने उज्जैन (Ujjain) की एक फार्मा कंपनी (Pharma Company) पर छापा मारा। जांच के दौरान यहां भारी अनियमितताएं सामने आई। कंपनी द्वारा पशु आहार ( Animal Feeds) में मिलाई जाने वाली सामग्री का उपयोग इंसानों (Humans) के इस्तेमाल के लिए तैयार किए जा रहे हेल्थ सप्लीमेंट (Health Supplements) में होता पाया गया। इसके साथ ही कुछ ऐसे केमिकल का भी उपयोग पाया गया, जो प्रतिबंधित है और खाद्य पदार्थ को मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और असुरक्षित बना देते हैं। कंपनी द्वारा इन प्रोडक्ट के उज्जैन के साथ इंदौर में भी सप्लाय किया जाता था।
एफएसएसएआई (FSSAI) की वेस्टर्न रिजन के मुंबई स्थित क्षेत्रिय कार्यालय से आई इसी टीम ने पिछले दिनों रेडिसन होटल (Radisson Hotel) पर भी छापा मारते हुए यहां भी कई अनियमितताएं पकड़ी थी। टीम की प्रमुख एफएसएसएआई (FSSAI) की असिस्टेंट डायरेक्टर शिला गवली (Shila Gawli) ने बताया कि टीम ने शनिवार को उज्जैन के मैसर्स टीएन सीस मेरिल फार्मा (M/s TN Sis Merrill Pharma) पर छापा मारा। कंपनी द्वारा हेल्थ सप्लीमेंट और न्यूट्रास्युटिकल उत्पादों का निर्माण किया जाता है। जांच में सामने आया कि कंपनी द्वारा हेल्थ सप्लीमेंट में जिस विटामिन ई ( Vitamin-E) पाउडर का इस्तेमाल किया जा रहा था वह 50 प्रतिशत फीड ग्रेड की थी, यानी जिसका इस्तेमाल पशु आहार बनाने में किया जाता है। इसका इस्तेमाल मानव उपयोग के लिए नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही केमिकल ग्रेड क्वालिटी की सामग्री भी यहां पाई गई, जो मानव उपयोग के लिए प्रतिबंधित है और इसे स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित बना देती है। टीम द्वारा पूछताछ में कंपनी संचालक ने इन सामग्रियों को मानव उपयोग के लिए तैयार किए जाने वाले प्रोडक्ट में करने की बात भी स्वीकार की।
बिना पैकिंग डेट और लेबल लगे उत्पादों का था भंडारण, संचालक बोला अभी लगा देंगे
कार्रवाई के दौरान यहां बड़ी मात्रा में आर्गिनिन, सिस्टीन, लैक्टिटोल जैसे तत्व ड्रमों में बिना किसी लेबल के पाए गए। इन पर पैकिंग डेट, एक्सपायरी डेट और निर्माता का विवरण गायब थे। यहां ब?ी मात्रा में पॉलिथिन में तैयार किए गए हेल्थ सप्लीमेंट कैप्सूल भी मिले, जिन पर भी कोई जानकारी नहीं थी। टीम द्वारा पूछे जाने पर संचालक ने कहा कि वे अभी इन पर पैकिंग की जानकारी लगा देगा।
दवाइयों पर लिखा था ट्रायल पैक
यहां एम प्रोब्लॉक कैप्सूल (Capsules) नाम के पहले से पैक किए गए कैप्सूल (Capsules) का बड़ा स्टाक भी मिला। इन पर ट्रायल पैक लिखा हुआ था। ट्रायल पैक क्या होता है संचालक इसकी जानकारी भी नहीं दे पाया। इन सभी अनियमितताओं को देखते हुए टीम ने यहां से 45 लाख रुपए का माल जब्त किया है। यहां से सैंपल भी लिए गए हैं, जिन्हें लैब भेजा जाएगा और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। टीम में असिस्टेंड डायरेक्टर शीला गवली के साथ अमोल जगताप, वैदेही कलझुनकर और कार्तिका पाटील शामिल थी।
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