इन्दौर। करीब साढ़े तीन करोड़ का लोन डकारने के मामले में फंसे उद्योगपति को जेल में ही रहना होगा। सीबीआई की कोर्ट ने उसे जमानत पर जेल से छोडऩे से इनकार कर दिया। पेटलावद जिला झाबुआ के रहने वाले उद्योगपति राम पाटीदार ने नर्मदा शीतगृह के प्रोप्राइटर के रूप में पंजाब नेशनल बैंक से 350 लाख रुपए का लोन लिया था, जो फर्जी दस्तावेजों से लेना साबित हुआ। इस मामले में सीबीआई ने धोखाधड़ी, दस्तावेजों की कूटरचना व उसकी साजिश रचने के जुर्म में केस दर्ज किया था। इस साल 12 फरवरी से राम पाटीदार जेल में बंद है। उसने एक अन्य मुलजिम विकास पाटीदार को जमानत मिलने का हवाला देकर स्वयं को भी जेल से छोड़े जाने की मांग की थी।
उसका कहना था कि मामले में चालान पेश हो चुका है। वह सवा करोड़ रुपए बैंक में जमा भी कर चुका है, लेकिन विशेष न्यायाधीश सुधीर मिश्रा ने यह कहकर उसकी अर्जी खारिज कर दी कि विकास ने बैंक ऑफ इंडिया से 3.57 करोड़ रुपए का लोन लिया था, जिसकी राम ने गारंटी दी थी। इस केस में विकास को जमानत मिली है। उसका मामला विकास के समान नहीं है। दरअसल जून 2011 से जून 2014 तक पंजाब नेशनल बैंक धामनोद शाखा के ब्रांच मैनेजर राजेश अग्रवाल व पैनल एडवोकेट वीके गुप्ता, आनंद स्टील एंड हार्डवेयर के राम पाटीदार, हेमंत पाटीदार व महेंद्र पाटीदार के साथ मिलकर पीएनबी को 350 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाया था।
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