लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव (Former Uttar Pradesh Chief Minister and SP Patron Mulayam Singh Yadav) का आज निधन हो गया है। वह 82 साल के थे। मुलायम सिंह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital, Gurugram) में वह वेंटिलेटर पर थे। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई।
अगर समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के सफर की बात करें तो सबसे पहले पहलवानी फिर टीचिंग पेशे को अपनाने के बाद राजनीति में आने वाले मुलायम सिंह यादव कई दलों में रहे। कई बड़े नेताओं की शागिर्दी की लेकिन उसके बाद समजवादी पार्टी बनाई और यूपी पर एक दो बार नहीं बल्कि तीन बार राज किया। यहां तक राममंदिर आंदोलन के दौरान जितनी चर्चा भाजपा और उसके नेताओं की हुई उससे ज्यादा मुलायम की होती रही।
इस बीच उनका विवाह फर्रुखाबाद में हो गया, लेकिन कुछ समय बाद 1988 में वह पति का घर छोड़ कर औरैया आ गई। इसके बाद वह पार्टी में सक्रिय रहीं। वर्ष 2007 में एक हलफ नामे में भी मुलायम सिंह यादव ने इस बात का जिक्र किया कि साधना गुप्ता उनकी पत्नी और प्रतीक बेटे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के थे करीबी
मुलायम को पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का करीबी माना जाता था। वह उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की बात करते थे, लेकिन ऐन टाइम पर जब वह पलटे और विश्वनाथ प्रताप सिंह को प्रधानमंत्री बनाने पर सहमति जाहिर कर दी तो चंद्रशेखर गुस्से में भर उठे थे। वैसे उनकी अब तक की राजनीतिक यात्रा में वह कांग्रेस के साथ भी गए। कांग्रेस की मनमोहन सरकार को बचाया। वामपंथियों के पसंदीदा भी बने।
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