इंदौर (Indore)। लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने कल एक आदेश जारी कर जिला परियोजना समन्वयक अक्षयसिंह राठौर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया, उन पर आरोप है कि 9 निजी स्कूलों को अनाधिकृत रूप से यानी फर्जी मान्यता दे दी। तीन साल पहले इस मामले में थाना राजेन्द्र नगर पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी, मगर पुलिस सोई रही और एफआईआर के बाद राठौर कुछ समय तक फरार भी रहे, फिर कोर्ट से जमानत हासिल कर ली और इतना ही नहीं, डीईओ भी बन गए। जबकि थाना राजेन्द्र नगर पर धारा 420, 466, 468, 34 और 66 सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी। अभी शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत भी पूरी प्रक्रिया अक्षयसिंह राठौर द्वारा ही बतौर जिला परियोजना समन्वयक द्वारा की जा रही थी। हालांकि उनका मूल पद प्राचार्य उमावि है। राजेन्द्र नगर थाने ने कुछ समय पूर्व चालान पेश किया और जिला कोर्ट में प्रकरण विचाराधीन है। मगर अब शासन की नींद खुली और कल आदेश जारी कर राठौर का निलंबन किया गया, जिसमें अनुशासनहीनता, कदाचरण सहित अन्य आरोप लगाए गए हैं।
इन स्कूलों को लॉग इन और पासवर्ड कबाडक़र दी थी मान्यता
दरअसल जिला शिक्षा अधिकारी छुट्टी पर गए थे। उनकी जगह राठौर को प्रभारी डीईओ बनाया गया और उन्होंने फर्जी लॉग इन पासवर्ड का इस्तेमाल करते हुए 9 निजी स्कूलों को मान्यता दी, जिनमें श्रीजी इंटरनेशनल, सेंट उमर एकेडमी, द अपेक्स एकेडमी, हरगोविंद पब्लिक स्कूल, बिरला ओपन माइंड इंटरनेशनल, माइंड आईवल्र्ड स्कूल, बॉम्बे पब्लिक स्कूल देवास नाका और स्काय दिव्य शक्ति मनोरमागंज शामिल रहे।
छात्रवृत्ति घोटाले में तीन कॉलेजों की सम्पत्तियां होंगी नीलाम
छात्रवृत्ति घोटाले में पिछले दिनों प्रशासन ने कुछ कॉलेजों से वसूली की थी। वहीं अब तीन कॉलेजों की सम्पत्तियों को नीलाम किया जाएगा। अपर कलेक्टर मण्डलोई ने बताया कि उक्त कॉलेजों के विरूद्ध की गई कार्यवाही में संबंधित तहसीलदारों द्वारा आर.आर.सी. जारी कर सम्पत्तियां कुर्क की गई थी। 29 मई को ग्रेटर मालवा इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल कॉलेज और पायोनियर इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस कॉलेज के 58/2 मोहनपुरा प्राईम सिटी वीणा नगर इंदौर स्थित भवन की नीलामी होगी।
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