अयोध्या: अयोध्या (Ayodhya) में अगले साल 16 से 24 जनवरी के बीच भव्य मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा (consecration of the idol of Rama) की जाएगी. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. हालांकि, अभी कोई निश्चित तारीख तय नहीं की गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का समय मांगा गया है. वहीं, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) का मानना है कि उस दिन अयोध्या में सिर्फ एक कार्यक्रम होना चाहिए और वो भी गैर राजनीतिक. इसके अलावा उस कार्यक्रम के लिए कोई मंच भी नहीं बनेगा.
सूत्रों की मानें, तो प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित विशिष्ट अतिथियों को बोलने का थोड़ा-थोड़ा समय दिया जाएगा और उस दिन कोई जनसभा भी आयोजित नहीं की जाएगी. इतना ही नहीं, कार्यक्रम में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित नहीं किया जाएगा, सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमंत्रित होंगे. सूत्रों ने बताया कि कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे और कोशिश की जा रही है कि 5000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा सके. वहीं, देश भर में राम लला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के प्रसारण की भी तैयारी हो रही है, ताकि इस ऐतिहासिक क्षण को लोग अपने गांव, अपने शहर और अन्य स्थानों से देख सकें.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण करा रहे ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बीते 27 जुलाई को बताया था कि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने प्रधानमंत्री को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण भेजा है. पत्र में कहा गया है कि अगर प्रधानमंत्री इस समारोह में शामिल होते हैं तो दुनिया भर में देश की छवि और मजबूत होगी. उन्होंने कहा था कि निमंत्रण पत्र में इस समारोह के लिए 16 से 24 जनवरी के बीच की तारीख दी गई हैं, लेकिन कार्यक्रम की तिथि प्रधानमंत्री की उपलब्धता पर निर्भर करेगी. राय ने बताया था कि समारोह के लिए 10 हजार लोगों को निमंत्रण भेजा जाएगा. प्रधानमंत्री ने अगस्त 2020 में राम मंदिर का ‘भूमि पूजन’ भी किया था.
उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए अयोध्या में संबंधित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने के आदेश दिए थे. मंदिर में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री समेत बड़ी संख्या में देश के अति-विशिष्ट अतिथियों के आने की संभावना के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों ने राम जन्मभूमि परिसर में होने वाले समारोह के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की तैयारी शुरू कर दी है.
इस बीच, ट्रस्ट ने इस साल दिसंबर तक मंदिर का निर्माण पूरा करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए श्रमिकों और तकनीशियनों की संख्या बढ़ा दी है. अब निर्माण कार्य चौबीसों घंटे अलग-अलग पालियों में किया जा रहा है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि पहले राम मंदिर परिसर में 550 कर्मचारी काम कर रहे थे, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में ट्रस्ट ने यह संख्या बढ़ाकर करीब 1,600 कर दी है. उन्होंने कहा कि जो काम पहले 18 घंटे होता था, वह अब चौबीसों घंटे होने लगा है.
अयोध्या में कब होगी राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, तारीख आई सामने, PM मोदी से मांगा गया समय राय ने कहा कि ट्रस्ट ने दिसंबर तक भूतल का काम पूरा करने की समयसीमा तय की है ताकि जनवरी 2024 तक मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोला जा सके. उन्होंने बताया कि राम मंदिर की ओर जाने वाले मार्गों पर 22 करोड़ रुपये की लागत से पौधे लगाए जाएंगे तथा वन विभाग मौसमी फूलों के अलावा विभिन्न प्रकार के सजावटी पौधे लगाकर राम पथ, धर्म पथ और भक्ति पथ की सुंदरता बढ़ाएगा.
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