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    आईडिया कांग्रेस का था…भुना रही भाजपा

  • October 11, 2022

    • 2019 में कमलनाथ सरकार ने की थी स्थापना धर्मस्व विभाग की -300 करोड़ रुपए किए थे मंजूर-कांगे्रस ने लगाए वाहवाही लूटने के आरोप

    उज्जैन। कांग्रेस के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाकाल विस्तारीकरण की शुरुआत 2019 में की थी और 300 करोड़ रुपए उस समय मंजूर किए थे और भाजपा इसका श्रेय लूटने में लगी है जबकि यह योजना कांग्रेस की है। यह बात कांग्रेस नेत्री एवं उज्जैन जिले की प्रभारी श्रीमती शोभा ओझा ने पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने उज्जैन की अलौकिक भूमि पर महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर के विकास और विस्तार के लिए न सिर्फ एक समग्र योजना बनायी, अपितु उसको मूर्तरूप देना भी प्रारंभ कर दिया था। अगस्त 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में मंत्रालय में आहूत की गई बैठक में महाकाल मंदिर विकास की 300 करोड़ रु की इस योजना का विस्तृत ब्यौरा महाकाल मंदिर के पुजारियों और मंत्रिमंडल के सदस्यों के सम्मुख रखा गया। जिसमें फ्रंटियर यार्ड, नदी हाल का विस्तार, महाकाल थीम पार्क, महाकाल कॉरिडोर, वर्केज लॉन पार्किंग आदि का विकास और निर्माण प्रथम चरण में प्रस्तावित किया गया। द्वितीय चरण में महाराज बाड़ा, काम्प्लेक्स, कुंभ संग्रहालय, भगवान महाकाल से जुड़ी विभिन्न कथाओं का प्रदर्शन, अन्नक्षेत्र, धर्मशाला, रुद्रसागर की लैंड स्केपिंग, रामघाट मार्ग का सौंदर्यीकरण, पर्यटन सूचना केन्द्र, रुद्र सागर झील का पुनर्जीवन, हरि फाटक पुल, यात्री सुविधाओं एवं अन्य सुविधाओं का निर्माण विस्तार भी प्रस्तावित किया गया। इतना ही नहीं महाकाल मंदिर के विकास को तीव्र गति से किये जाने के संदर्भ में मंत्रियों की एक त्रिस्तरीय समिति भी गठित की, जिसमें उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा,आध्यात्म विभाग के मंत्री पी.सी. शर्मा और नगरीय निकाय विभाग के मंत्री जयवर्धन सिंह को समिति का सदस्य बनाया गया। 25 फरवरी, 2019 को प्रथम चरण के टेंडर इनवाईट करने के लिए नोटिस जारी किया गया। महाकाल मंदिर के प्रथम चरण के विकास के लिए 7 मई 2019 को 97 करोड़ रु. का वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया गया।


    औंकारेश्वर के लिए 150 करोड़ का किया था प्रावधान
    मंदिर ही नहीं, पुजारियों के प्रति भी असीम आस्था की प्रतीक बनी कमलनाथ सरकार ने शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों का मानदेय तीन गुना तक बढ़ा दिया। मप्र सरकार ने प्रदेश के मंदिरों के हजारों पुजारियों को, जिनके पास कोई भूमि नहीं थी, ऐसे पुजारियों, जिनको एक हजार रुपये मिलता था, उसे बढ़ाकर तीन हजार रुपये प्रति महीने मानदेय कर दिया। पांच एकड़ भूमि वाले पुजारियों का मानदेय 700 से बढ़ाकर 2100 रु. प्रतिमाह किया गया और 10 एकड़ तक भूमि वाले पुजारियों का मानदेय 520 से बढ़ाकर 1560 रू कर दिया गया। पत्रकार वार्ता में श्रीमती ओझा के साथ शहर अध्यक्ष रवि भदौरिया, जिला अध्यक्ष कमल पटेल सहित अन्य ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, राम पथ वन गमन के साथ ही श्रीलंका में माता सीता के मंदिर सहित समूचे मप्र के मंदिरों के विकास और विस्तार के साथ मंदिरों के पुजारियों के मानदेय के लिए एक व्यापक अग्रणी भूमिका का निर्वाहन किया था। कल जब महाकाल मंदिर के विकास और विस्तार के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी उज्जैन आ रहे हैं, तब प्रदेश की जनता को इस बात का संज्ञान है कि विकास के इस क्रम को अमली जामा कमलनाथ सरकार ने पहनाया था। श्रद्धा का श्रेय नहीं लिया जाता, वह तो आत्यामिक ध्येय के लिए होती है। हम कल के इस आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं।

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