उज्जैन। कल महाशिवरात्रि के मौके पर महाकाल क्षेत्र में जयसिंहपुरा और आसपास के इलाकों के घर मालिकों ने भारी भीड़ उमड़ती देख लोगों को ठहराना शुरू कर दिया और उनसे 2 से 3 हजार रुपए वसूले गए। कल दिनभर ऐसे गेस्ट हाऊस चलाने वालों ने जमकर मुनाफाखोरी की। आश्चर्य की बात है कि यह सब पिछले दो दिनों तक होता रहा और नगर निगम द्वारा कोई जाँच नहीं की गई और जिला प्रशासन भी खामोश रहा। महाकाल लोक का उद्घाटन होने के बाद से ही उज्जैन में हर दिन भीड़ बढ़ रही है और शिवरात्रि पर्व के चलते दो दिनों से लाखों श्रद्धालु उज्जैन में डेरा डाले हुए थे। भीड़ के कारण जयसिंहपुरा, महाकाल के आसपास के क्षेत्र के हर घर स्वामी ने अपने घ्र को होटल और लॉज के रूप में चलाकर रुपए कमाने का जरिया बना लिया। इन इलाकों में रहने वाले अधिकांश लोगों ने पहले से ही भीड़ के आगमन को देखते हुए अपने मकान खाली कर लिए थे और खुद किराए के मकान लेकर पहुंच गए और घरों को यात्रियों के लिए लॉज का रूप दे दिया।
दो दिनों के दौरान ऐसे लोगों ने जमकर मुनाफा खोरी की। कल महाशिवरात्रि के मौके पर तो ऐसे लोगों ने यात्रियों को ठहराने के बदले में एक दिन के 2 हजार से 3 हजार रुपए तक वसूल किए, जबकि इन मकानों में न तो होटल लॉज जैसी कोई सुविधा थी और न ही सुरक्षा और जल-पान के कोई इंतजाम। मात्र एक रात अपने घर में सुलाने के ही 3-3 हजार रुपए एक-एक व्यक्ति से वसूले गए। जबकि होटल या लॉज चलाने के लिए नगर निगम से बकायदा परमिशन ली जाती है लेकिन वर्तमान में महाकाल मंदिर के आसपास ऐसे सैकड़ों अघोषित लॉज और होटल बन गए हैं और इनकी जानकारी न तो नगर निगम ले रही है और न ही जिला प्रशासन कोई कार्रवाई कर रहा है। शहर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आने के चलते महाकाल के आसपास रहने वाला हर व्यक्ति रुपए कमाने की जुगाड़ में रहता है और घरों को लॉज बनाए बैठा लेकिन वह उस स्तर की सुविधाएँ नहीं जुटा पा रहा है। ऐसे में किसी दिन बड़ा हादसा हो जाएगा तो इसका जवाबदार कौन होगा। संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस भी यह सब होते देख रही है लेकिन इस पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।
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