अयोध्या (Ayodhya)। अयोध्या (Ayodhya) में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के आवासीय कार्यालय में गृह प्रवेश के लिए सोमवार को पूजन का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में संघ परिवार के साथ संत-महंत आमन्त्रित हैं। उधर, राममंदिर निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है। जन्मभूमि में विराजमान रामलला के निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में गर्भगृह के परिक्रमा पथ की छत पड़ चुकी है। समतल एरिया में नक्काशीदार पत्थर लगाए जा रहे हैं। राम मंदिर (Sri Ram Temple) के आर्किटेक्ट और मेसर्स सीबी सोमपुरा कांस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक आशीष सोमपुरा (Director Ashish Sompura) की मानें तो जून में भूतल के साथ प्रथम तल का भी काम शुरू हो जाएगा।
दूसरी ओर राम मंदिर के हर काम को पूरी विशिष्टता और विविधता पूर्ण बनाने की दिशा में प्रयास हो रहा है। इसी दृष्टि से राम मंदिर की प्रकाश व्यवस्था भी इस तरह करने का प्रयास है, जिस किसी की नजर पड़े तो वह बस राम मंदिर के सौन्दर्य को निहारता रह जाए। मंदिर परिसर में आधुनिक तकनीक से लाइट व साउंड सिस्टम लगाए जा रहे। इसकी कार्यदाई संस्था बंगलुरु की शंकर इलेक्ट्रिकल्स प्राइवेट लिमिटेड (Electricals Private Limited) है। इस कंपनी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक राजेश शेट्टी पहली बार यहां पहुंचे।
वह अपने गुरु देव आंध्रप्रदेश के स्वामी वासुदेवानंद नंद महाराज (Swami Vasudevananda Nanda Maharaj of Andhra Pradesh) के साथ आए थे। उन्होंने रामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के दर्शन करने के साथ राम मंदिर के निर्माण का भी अवलोकन किया। इसके साथ कंपनी को मिली जिम्मेदारी से सम्बन्धित कामों का फीडबैक भी लिया। इस दौरान उनके प्रोजेक्ट मैनेजर संजय पुजारी ने उन्हें आवश्यक जानकारी दी।
थीम विशेष पर आधारित होगी मंदिर की प्रकाश व्यवस्था
राम मंदिर माडल के आर्किटेक्ट व मेसर्स सीबी सोमपुरा कांस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक आशीष सोमपुरा ने बताते हैं कि राममंदिर की प्रकाश व्यवस्था को लेकर इंजीनियरों ने प्रजेंटेशन दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था विशेष थीम पर आधारित है। बताया गया कि मंदिर के आंतरिक व बाहरी हिस्से की प्रकाश व्यवस्था अलग-अलग होगी।
मंदिर के बाहरी परिसर को प्रकाशित करने के लिए फसाड लाइट लगाई जानी है। विशेष पर्व एवं त्योहारों पर प्रकाश की अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी। बताया गया कि 161 फीट ऊंचे मंदिर के शिखर की नक्काशी व भव्यता रात में नहीं दिख पाएगी। इसीलिए ऐसी डिजाइन की जा रही है कि मंदिर के हर तल समेत शिखर तक की अद्भुत नक्काशी और भव्यता रोशनी के माध्यम से देखी जा सके।
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