जबलपुर। कटनी शहर में लगभग एक दर्जन से अधिक नई वसी कॉलोनियों में रहवासी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। इन कालोनियों को नगर निगम अवैध मानकर किसी भी तरह की मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं करा रहा है। सड़क नाली की सुविधा न होने से रहवासी खासे परेशान हैं। बारिश के दिनों में ऊबर, खाबड सड़क दलदल बन जाती है और राहगीर गिरकर जख्मी होते हैं।नालियों का निर्माण ना होने से घरों की गंदगी सड़कों पर ही पसरी नजर आती है।शहर में खासतौर से शिवाजी नगर, बालाजी नगर,जागृति कॉलोनी,साईं पुरम कॉलोनी ऐनकेजे के अलावा कुठला, चाका, न्यू कटनी के अलावा अन्य कॉलोनियों को अवैध मानकर मूलभूत सुविधाएं अभी तक नहीं उपलब्ध कराई गई हैं।
मप्र में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेशभर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की थी। विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बदली और ये घोषणा कागजों तक सीमित होकर रह गई। कॉलोनियों को वैध करने के लिए अलग-अलग श्रेणियां बांटी गई थी, जिनके रहवासियों को भी डेवलपमेंट के लिए रुपए भरने थे। न तो किसी कॉलोनी से डेवलपमेंट का रुपया आया, न ही नई सरकार से इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश। आज भी शहर की अवैध कॉलोनियों में रहवासी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे है। इन अवैध कॉलोनियों को वैध करने की राह नगर निगम के लिए आसान नहीं दिख रही है।
भाजपा सरकार ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा के बाद कुछ नियम भी तय किए गए थे। जिसमें उन कॉलोनियों को अवैध माना गया था, जिनके कोई कागजात नहीं थे और न ही डायवर्सन हुआ था। इन कॉलोनियों के लिए दो प्रकार की श्रेणिया तय की गई थी। एक हजार स्क्वेयर फीट से कम वाली कॉलोनी को एलआईजी और उससे ऊपर वाली कॉलोनी को एमआईजी में बांटा गया था। एलआईजी के डेवलपमेंट में लगने वाली राशि का 25 प्रतिशत कॉलोनीवासियों को देना था। वहीं, एमआईजी के लिए ये राशि 50 प्रतिशत तय की गई थी। बाकी राशि शासन और नगर निगम को वहन करना थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved