देव दर्शन कर लिए, ज्योतिषियों को दिखा दी कुंडली, कार्यकर्ताओं से गुणा-भाग भी करवा लिया, एग्जिट पोल की चकल्लस के बाद जनता जनार्दन ने क्या असल फैसला किया उसका खुलासा कल
इंदौर। बीते 6 माह से विधानसभा चुनाव का हल्ला चल रहा है और एग्जिट पोल की चकल्लस भी भरपूर हो गई। उम्मीदवारों ने देव दर्शन भी कर लिए और तमाम पंडितों-ज्योतिषियों को अपनी कुंडली भी दिखा दी। मतदान के बाद से लेकर अभी तक कार्यकर्ताओं से गुणा-भाग भी करवा लिया, जिससे यह पता चल सके कि किस क्षेत्र से कितने वोट मिले होंगे। मगर अब फैसले की घड़ी आ गई है। ठीक 24 घंटे बाद जनता जनार्दन ने क्या असल फैसला किया उसका खुलासा हो जाएगा। तब तक उम्मीदवारों को हार-जीत की धुकधुकी बनी रहेगी।
फिल्म, क्रिकेट और राजनीति में सभी की रुचि है। यही कारण है कि अभी विधानसभा चुनाव के चलते सोशल मीडिया पर भी इसी से संबंधित पोस्ट की भरमार है। चुनाव शुरू होने से लेकर मतदान और उसके बाद फिर अनुमान, अटकलों और भविष्यवाणियों का दौर शुरू हो गया। सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं और कोई भी हार मानने को तैयार नहीं है। यही स्थिति मध्यप्रदेश के मामले में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा की है। उसके भी सारे दिग्गज सरकार बनाने के दावे कर रहे हैं। इस बार का एग्जिट पोल भी भ्रमित करने वाला रहा है। यानि कोई भी दल किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकता। आधे एग्जिट पोल कांग्रेस के पक्ष में तो आधे भाजपा के पक्ष में आए हैं। दूसरी तरफ उम्मीदवारों ने मतगणना और मतदान के बीच के समय को थकान उतारने के बाद देव दर्शन में भी बिताया। कोई खाटू श्याम के दरबार पहुंचा, तो कोई चारभुजानाथ, शिर्डी से लेकर वृंदावन और अमृतसर में भी मत्था टेक आए हैं। भरपूर पूजा और मन्नतों के साथ ज्योतिषियों को कुंडलियां भी दिखा दी और जीत के अनुष्ठान भी लगातार करवाते रहे। अब असल फैसले की घड़ी आ गई है। कल 3 दिसम्बर को नेहरू स्टेडियम में इंदौर की 9 विधानसभा सीटों की मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी और अगले दो-तीन घंटे में ही रुझान प्राप्त हो जाएंगे और दोपहर बाद तक तो तस्वीर काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगी। तब तक राजनीतिक दलों के दिग्गजों, कार्यकर्ताओं, समर्थकों से अधिक उम्मीदवारों को धुकधुकी बनी रहेगी और संभव है आज रात को नींद भी ठीक तरीके से नहीं आए, क्योंकि सुबह जल्दी उठकर स्टेडियम भी पहुंचना पड़ेगा। इतना ही नहीं, सभी उम्मीदवारों ने अपने-अपने चुनावी एजेंटों, समर्थकों से बूथवार आंकड़े भी निकलवाए और उनका गुणा-भाग भी भरपूर कर लिया, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उन्हें कितने वोट किस क्षेत्र से मिल रहे हैं। इसमें जातिगत समीकरणों का भी विशेष ध्यान रखा गया है। कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जहां मुस्लिम वोटों से लेकर अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों का गुणा-भाग किया है, तो भाजपा के उम्मीदवारों ने सनातन, राम मंदिर से लेकर ऐसे मुद्दों पर उनके पक्ष में कितने वोट मिले होंगे, उसका आकलन लगाया और साथ ही लाड़ली बहनाओं के वोट प्रतिशत भी देखे हैं। इस चुनाव में भाजपा के साथ-साथ उनके सारे उम्मीदवारों को लाड़ली बहनाओं से विशेष उम्मीद है और इसे गेम चेंजर भी माना जा रहा है। अभी एग्जिट पोल के कई परिणामों में यह बात सामने भी आई कि अगर भाजपा की सरकार बनती है तो उसमें लाड़ली बहनाओं का ही योगदान सर्वाधिक रहेगा। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भाजपा की सरकार बनने के प्रति आश्वस्त हैं, तो उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और अन्य तमाम पदाधिकारियों का भी कहना है कि सरकार स्पष्ट बहुमत के साथ भाजपा की ही बनेगी और बहनाओं ने सारे कांटे दूर कर दिए हैं और किसी तरह की कांटे की टक्कर अंतिम दौर में बची भी नहीं। जनता ने भाजपा के पक्ष में ही मतदान किया है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी जनाक्रोश के भरोसे सत्ता में आने के दावे करती रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर दिग्विजय सिंह का भी स्पष्ट कहना है कि भाजपा ने तो अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए एग्जिट पोल को ही खरीद लिया और अपने पक्ष में मनमाने आंकड़े सरकार बनाने के जारी कर दिए, वहीं प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव रणदीपसिंह सुरजेवाला का भी कहना है कि 3 दिसम्बर को जो सूर्योदय होगा, वह भाजपाई सत्ता के कुशासन के अंत वाला रहेगा, वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी परिणामों को लेकर जानकारी ली। अब इंदौर सहित प्रदेश की जनता ने क्या मन बनाया और किस पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में बटन दबाया इसका खुलासा तो कल वोटिंग मशीनें ही बताएंगी, जब धड़ाधड़ विधानसभावार टेबलों से परिणाम निकलेंगे और इस बार डाक मतपत्रों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी, जिनकी संख्या 4 लाख तक पहुंच गई है।
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