यातायात विभाग ने बिना सोचे-समझे जारी कर दिया 5 दिनों तक प्रमुख मार्गों को बंद करने का फरमान, शहर की जनता इस दौरान घरों में बैठेगी या सडक़ों पर होगी परेशान, सुपर कॉरिडोर पर सबसे ज्यादा फजीहत
इंदौर। शहर में पधारने वाले मेहमानों की तो आवभगत इंदौरी मेहमान नवाजी की परम्परा के अनुरूप, बल्कि उससे भी अधिक बढ़-चढक़र की जा रही है। इसके पूर्व जिन शहरों में प्रवासी भारतीय सम्मेलन (Pravasi Bhartiya Sammelan) आयोजित हुए वहां भी इतनी तैयारियां और जनता में उत्साह नजर नहीं आया। यहां तक कि कई प्रतिष्ठित परिवारों ने अपने घरों के दरवाजे आने वाले मेहमानों के लिए खोल दिए। मगर इसके साथ यह भी सवाल है कि इन आयोजनों के दौरान इंदौर (Indore) की जनता को सडक़ों पर प्रताडऩा ना झेलना पड़े। दफ्तर, ऑफिस से लेकर अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए निकलने वाले इंदौरियों को हर चौराहों और सडक़ों पर पुलिसिया प्रताडऩा का शिकार न होना पड़े। सोशल मीडिया पर चर्चा तो यह भी चलने लगी कि 5 दिन तक इंदौरी किसी और शहर के प्रवासी हो जाएं, क्योंकि यातायात विभाग ने बिना सोचे-समझे 5 दिनों तक सुपर कॉरिडोर से लेकर कई प्रमुख सडक़ों पर यातायात प्रतिबंध करने के फरमान जारी कर दिए हैं, जिसे कई वरिष्ठ अधिकारी भी अनावश्यक बता रहे हैं। अतिविशिष्टों की सुरक्षा का बंदोबस्त तो हो, मगर अनावश्यक प्रोटोकॉल भी ना थोपा जाए।
इंदौर का यातायात इन दिनों सबसे अधिक चौपट है। पिछले कई दिनों से बायपास पर तो लगातार जाम लग ही रहा है, वहीं शहर के सभी प्रमुख मार्गों की भी यही स्थिति है। सुपर कॉरिडोर पर इन दिनों वैसे भी सबसे अधिक फजीहत है, क्योंकि मेट्रो के चल रहे प्रोजेक्ट के चलते आधी सडक़ तो वैसे ही बंद है। वहीं एमआर-10 से लेकर विजय नगर, रेडीसन और रोबोट चौराहा तक चल रहे मेट्रो के काम के कारण लगातार जाम लगा रहता है। ऐसे में सुपर कॉरिडोर की एक लेन 7 जनवरी से 12 जनवरी तक प्रतिबंधित की है। वहीं भारी वाहनों के प्रवेश पर भी रोक रहेगी। एयरपोर्ट जाने वाले लोगों को भी इस दौरान भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। यातायात विभाग ने तो अपना रुट मैप मीडिया को जारी कर दिया, जिसमें लगाए जाने वाले प्रतिबंध की जानकारी दी गई है। मगर इसके बदले जिन अन्य सडक़ों, गलियों में यातायात का दबाव बढ़ेगा वहां पर डायवर्शन के क्या प्लान हैं, उसकी क्या तैयारी की गई, इसकी कहीं कोई सूचना नहीं है। राजवाड़ा, खजराना, छप्पन दुकान को नो व्हीकल झोन घोषित किया गया है और सामान्य वाहनों का भी राजवाड़ा में प्रवेश पूरी तरह से बंद रहेगा। मगर इसके साथ यातायात विभाग के जिम्मेदार अफसर यह तो बताएं कि फिर व्यक्ति इन क्षेत्रों में कैसे पहुंचेगा और अगर उसे पैदल चलना है तो उसके वाहनों को पार्किंग की व्यवस्था कहां पर की गई है..? जबकि हकीकत यह है कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन और उसके बाद हो ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कुल 4 से 5 हजार मेहमान ही इंदौर आ रहे हैं और वे भी अलग-अलग तारीखों में पहुंचेंगे। जबकि इंदौर जैसे व्यवसायिक शहरों में इससे अधिक फ्लोटिंग पॉपुलेशन सामान्य दिनों में भी रहती है। अलबत्ता राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री के आगमन के वक्त अवश्य एसपीजी की सुरक्षा और ब्ल्यू बुक के तहत प्रोटोकॉल लागू किया जाता है और उसमें भी एयरपोर्ट पर जब ये अतिविशिष्ट व्यक्ति पहुंचते हैं वहां 15 से 20 मिनट पहले यातायात रोका जाता है। मगर इंदौर पुलिस घंटों पहले यातायात बंद कर देती है। शहर के लोगों का तो यह भी कहना है कि वे इस दौरान वे घर में बैठे हैं या अन्य किसी शहर के प्रवासी बन जाएं।
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